देहरादून। उत्तराखंड की स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी विनोद प्रसाद रतूड़ी 12 अक्टूबर को देहरादून में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। यह आंदोलन राज्य गठन के लगभग 25 साल बाद भी स्थायी राजधानी न मिलने और पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की कमी के कारण बढ़ रहे पलायन पर ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
धरना सुबह 11 बजे परेड ग्राउंड, देहरादून में शुरू होगा और श्री रतूड़ी ने कहा है कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं करती।
श्री रतूड़ी को उनके आई.ए.एस. सेवा के दौरान साहसिक निर्णय लेने और भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहने के लिए जाना जाता है। सेवा के दौरान उन्हें 50 से अधिक स्थानांतरणों का सामना करना पड़ा। स्थायी राजधानी को लेकर उन्होंने कई बार सरकार से जानकारी और योजनाएं मांगी, लेकिन उनकी सलाह अक्सर अनसुनी रही।
इस आंदोलन की मुख्य वजहों में राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों के सपनों को पूरा करना, पलायन और पहाड़ी क्षेत्रों की दुर्दशा रोकना, और स्थायी राजधानी गैरसैंण समिति द्वारा किए गए पिछले आंदोलनों का समर्थन शामिल हैं। इससे पहले श्री रतूड़ी ने 21 सितंबर, 2025 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी एक बड़ा प्रदर्शन किया था।
धरने के बाद श्री रतूड़ी गैरसैंण की ओर मार्च निकालेंगे। उनका कहना है, यह मेरी नहीं, यह उत्तराखंड के भविष्य की लड़ाई है। जब तक स्थायी राजधानी गैरसैंण घोषित नहीं हो जाती, हम रुकेंगे नहीं।
वह सभी नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों से इस आंदोलन में शामिल होकर उत्तराखंड के भविष्य को सुरक्षित बनाने की अपील कर रहे हैं।