आपदा या किसी आकस्मिक दुर्घटना में अनाथ बेसहारा हुए बच्चों, किशोरियों, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और वृद्ध महिलाओं को अब तुरंत आर्थिक मदद मिल सकेगी। इसके लिए कैबिनेट ने बुधवार को मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि की नियमावली को मंजूरी दे दी है।
संकट और आपदा के वक्त मिलेगी तुरंत आर्थिक मदद
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इस कॉरपस फंड के लिए पैसा शराब बिक्री पर सैस के जरिए जुटाया जाएगा। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इसके तहत आपदा या दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों, महिलाओं, किशोरियों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, दिव्यांग किशोरियों और वृद्ध महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाएगी। यह आर्थिक मदद जरूरत के अनुसार रहने, खाने की सुविधा जुटाने, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट जैसे उद्देश्यों के लिए दी जाएगी। इसके अतिरिक्त आपदा या दुर्घटना के चलते अगर किसी पात्र का रोजगार संकट में आता है तो उसे भी इसके तहत मदद दी जा सकेगी।
आवेदनों के निस्तारण की समय सीमा तय
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इस योजना की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें तुरंत मदद मिलेगी। नियमावली में इसके तहत आने वाले आवेदनों के निस्तारण की समय सीमा पहले ही निर्धारित कर दी गई है। पात्र से आवेदन मिलने पर ब्लॉक स्तरीय संयुक्त टीम अधिकतम 5000 रूपए की धनराशि तुरंत जारी कर सकेगी।
इसके बाद 10000 रूपए से 25000 रूपए तक की सहायता राशि पर जनपद स्तरीय कमेटी निर्धारित 15 कार्य दिवस के भीतर निर्णय लेगी और पीड़ित को डीबीटी के जरिए मदद दी जाएगी। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि जिन मामलों में और ज्यादा आर्थिक मदद की जरूरत है उसके लिए राज्य स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी और यह कमेटी 500000 रूपए तक की धनराशि के प्रस्ताव को स्वीकृत करेगी।
प्रभावितों को ये लाभ भी मिलेंगे
- पात्र महिलाओं, बच्चों के लिए फूड किट, न्यूट्रिशन किट, मेडिकल किट और शौच संबंधी किट की व्यवस्था।
- प्राकृतिक आपदा और दुर्घटना में घायल या गर्भवती महिला और बच्चों को हायर सेंटर ले जाने के लिए एंबुलेंस, भोजन, आवास की त्वरित व्यवस्था।
- गर्भवती महिला और परिवार के सदस्य के लिए एक सप्ताह की आवासीय और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था के लिए सहायता।
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हॉस्टल की आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्राओं को कोचिंग के लिए सहायता।
- मनरेगा में कार्य स्थल पर महिलाओं और उनके बच्चों को न्यूट्रिशन किट और टेंपरेरी शेल्टर की व्यवस्था।
- कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करने वाली माता और उनके 6 साल तक के बच्चों के लिए दुर्घटना के समय तुरंत नगद सहायता।