शिमला। राजधानी शिमला के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में एक डॉक्टर पर मरीज के साथ कथित मारपीट का गंभीर मामला सामने आया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन से लेकर राज्य सरकार तक में हड़कंप मच गया। मरीज के परिजनों और स्थानीय लोगों ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।
मामला शिमला जिले के चौपाल उपमंडल से ताल्लुक रखने वाले अर्जुन पंवार से जुड़ा है, जो कुपवी क्षेत्र के निवासी हैं और शिमला के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। जानकारी के अनुसार अर्जुन पंवार सोमवार को आईजीएमसी में एंडोस्कोपी जांच के लिए पहुंचे थे। जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें कुछ समय आराम करने की सलाह दी थी। इसी दौरान सांस लेने में दिक्कत होने पर वह पास के एक वार्ड में खाली पड़े बेड पर जाकर लेट गए।
आरोप है कि उसी समय वहां पहुंचे एक अन्य डॉक्टर ने मरीज को बिना अनुमति वार्ड के बेड पर लेटा देखकर नाराजगी जताई। मरीज का कहना है कि उस समय वह पूरी तरह होश में नहीं थे। आरोप है कि डॉक्टर ने पहले अभद्र भाषा का प्रयोग किया और जब मरीज के साथ मौजूद अटेंडेंट ने एंडोस्कोपी के बाद आराम की अनुमति का हवाला दिया तो विवाद बढ़ गया। इसके बाद डॉक्टर द्वारा मरीज के साथ मारपीट किए जाने का आरोप है। इस घटना का वीडियो मौके पर मौजूद लोगों ने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो सामने आने के बाद मरीज के परिजन और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में आईजीएमसी पहुंचे और एमएस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी डॉक्टर को तत्काल निलंबित करने और निष्पक्ष जांच की मांग की। स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से हटा दिया है। विभागीय जांच जारी है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल ने कहा कि मरीजों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के व्यवहार को लेकर सख्त गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।
इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आईजीएमसी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसी घटना बेहद चिंताजनक है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
