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देशभर में रक्षाबंधन का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहन भाईयों को राखी बांधती हैं। लेकिन एक ऐसी जगह भी है जहां बहनें भाईयों को नहीं बल्कि पेड़ों को राखी बांधती हैं।

यहां नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का त्यौहार देशभर में उल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन मध्यप्रदेश के कुछ ऐसे गांव हैं जहां पर भाई की कलाई पर बहन राखियां नहीं बांधती हैं। छिंदवाड़ा जिले के कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर गोंड समुदाय की महिलाएं भाइयों को राखी नहीं बांधती। बल्कि वो अपना ये त्यौहार खेतों में खड़ी खसल और पेड़ों के साथ मनाती हैं।

महिलाएं भाईयों को नहीं पेड़ों को बांधती हैं राखी

छिंदवाड़ा के गांवों में ऐसा माना जाता है कि राखी उसे बांधी जाती है जो रक्षा करता है। ऐसे में उनकी रक्षा तो हमेशा उनके पति करते हैं क्योंकि वही उनके साथ जीवन भर साथ रहते हैं। इसलिए यहां पर महिलाएं भाइयों को राखी नहीं बांधती। रक्षाबंधन वाले दिन महिलाएं जगह खेतों में जाकर पूजा अर्चना के बाद फसलों को राखी बांधती हैं। इसके साथ ही जो पेड़ जीवनयापन के लिए जरूरी हैं उन्हें भी राखी बांधी जाती है।