चमोली : उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर अहम जारी दी है. बता दें कि हरीश रावत ने बताया कि वो आगामी 14 जुलाई को ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में सांकेतिक तालाबन्दी कर प्रदर्शन करेंगे। हरीश रावत ने कहा कि जंहा भाजपा की ओर से गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है। वँहा एक दिन भी मुख्यमंत्री सरकार के साथ पूरे ग्रीष्मकाल में नहीं पहुंचे हैं। सरकार शायद अपने इस रवैये से जनता को गैरसैंण को भूलने  के संकेत दे रही है। लेकिन मैं सरकार को राज्यवासियों और शहीदों के सपने को भूलने नहीं दूंगा।

हरीश रावत की पोस्ट

उत्तराखंड से बड़े वादे, उनमें एक वादा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का भी है। ग्रीष्मकाल फिर बीत रहा है, यह इस घोषणा के बाद वह भी विधानसभा में घोषणा के बाद तीसरा ग्रीष्मकाल है जिसमें गैरसैण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना तो छोड़िये, मुख्यमंत्री जी ने एक रात वहां बिताना भी मुनासिब नहीं समझा है। सरकार का प्रतीक वहां कोई बैठता नहीं है। 1 दिन भी रात रहकर वहां मंत्रिमंडल ने विचार-विमर्श नहीं किया है। मुख्य सचिव, प्रमुख सचिवगण वहां गये भी हैं, मैंने ऐसा कोई समाचार देखा नहीं है। इससे और बड़ा अपमान राज्य की जनता का उसके मान-सम्मान की प्रतीक विधानसभा के पटल का और क्या हो सकता है कि घोषणा ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की और एक के बाद एक ग्रीष्म काल बीत रहे हैं। मगर सरकार है कि उस घोषणा पर अमल करने को तैयार नहीं है। लोगों से कह रही है, भूल जाओ।
मैंने भी तय किया है कि मैं इस सरकार को भूलने नहीं दूंगा। इनको याद दिलाने मैं 14 जुलाई, 2022 को क्योंकि 15 तारीख के बाद फिर ग्रीष्म काल समाप्त हो जाएगा।14 जुलाई को गैरसैंण जाऊंगा।सरकार के प्रतीक एक कार्यालय में सांकेतिक तालाबंदी कर उत्तराखंड के लोगों के आक्रोश को ध्वनि प्रदान करूंगा।

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