इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी पर‍िसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) से साइंटिफिक सर्वे कराए जाने संबंधी वाराणसी जिला जज के फैसले को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्‍ज‍िद कमेटी की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि न्याय हित में सर्वे कराया जाना उचित है । चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि सर्वे पर लगी रोक समाप्त की जाती है। कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर एएसआई की तरफ से दिए हलफनामे को लेकर कहा कि उस पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है। हलफनामा में एएसआई ने कहा था कि उनके सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में किसी भी प्रकार का इंच भर भी नुकसान नहीं होगा। हाईकोर्ट ने वाराणसी लोवर कोर्ट के सर्वे कराने के आदेश को भी सही माना है। आगे की कार्रवाई करने को कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है।

सत्र न्यायालय के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रखा बरकरार- विष्णु शंकर जैन
ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अध‍िवक्‍ता विष्णु शंकर जैन ने बताया क‍ि इलाहाबाद HC ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का ASI सर्वेक्षण शुरू होगा। सत्र न्यायालय के आदेश को HC ने बरकरार रखा है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश को तत्‍काल प्रभावी करने का आदेश द‍िया है।

वाराणसी की जिला अदालत ने द‍िया था एएसआइ सर्वे का आदेश
वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की मंदिर पक्ष की मांग स्वीकार की थी। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने मस्जिद पक्ष की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए ज्ञानवापी के वजूखाने को छोड़कर शेष हिस्से की एएसआइ सर्वे कराने का आदेश दिया था। ज‍िसका मुस्‍ल‍िम पक्ष ने व‍िरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सर्वे पर रोक लगाने की याच‍िका दाख‍िल की थी।

ज्ञानवापी पर‍िसर में स्‍थ‍ित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का मामला
बीते 12 मई को हाई कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था। इसके बाद 19 मई को मंदिर पक्ष ने जिला वाराणसी की अदालत में पूरे ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक विधि से जांच की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र दिया था। उनका कहना था कि ज्ञानवापी के उस हिस्से जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील है को छोड़कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक विधि से जांच की जानी चाहिए। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को आदेश देने की मांग की गई थी। इसका विरोध करते हुए मस्जिद पक्ष ने अदालत में कहा था कि इससे वहां मौजूद मस्जिद को नुकसान पहुंचेगा। वहीं अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी पर‍िसर के सर्वे का रास्‍ता साफ हो गया है।