Gyanvapi : वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में हो रहे एएसआई सर्वे से जुड़ी जानकारी मीडिया में शेयर करने पर रोक लगा दी है। सर्वे को लेकर बयानबाजी और मीडिया ट्रायल पर रोक की मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर गुरुवार को यह आदेश दिया।
कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि सर्वे से संबंधित कोई भी जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रानिक या सोशल मीडिया पर प्रकाशित या प्रसारित नहीं होगी।
अदालत ने हिन्दू और मुस्लिम पक्ष के साथ ही डीजीसी और अन्य अधिकारियों को भी आदेश दिया है कि सर्वे से संबंधित कोई भी बयान या जानकारी कोर्ट के अलावा किसी को नहीं देंगे।
मीडिया को भी आगाह किया कि बगैर औपचारिक सूचना के सर्वे के सम्बन्ध में कोई समाचार प्रकाशित या प्रसारित किया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
Gyanvapi : मुस्लिम पक्ष ने दायर की थी याचिका
मुस्लिम पक्ष ने जिला जज की अदालत में याचिका दी थी कि एएसआई सर्वे को लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में कई मनगढ़ंत बातें प्रकाशित और प्रसारित की जा रही हैं, जो मनगढ़ंत हैं। इससे देश का माहौल खराब होने की आशंका है।
मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर हिन्दू पक्ष की ओर से आपत्ति दी गई। बुधवार को अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और आदेश सुरक्षित कर लिया था।
गुरुवार को कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि सर्वे के बारे में ASI, वादी पक्ष या प्रतिवादी पक्ष को कोई टिप्पणी करने और सूचना देने का कोई अधिकार नहीं है।
Gyanvapi : जानकारी देने पर लगाई रोक
अदालत ने इस केस से जुड़े सभी पक्षों को साफ निर्देश दिया है कि सर्वे के सम्बन्ध में कोई सूचना प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया को दिया जाना न तो औचित्यपूर्ण है और न ही विधि सम्मत है।
अदालत ने यह भी कहा कि यदि प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया या इलेक्ट्रानिक मीडिया पर बगैर औपचारिक सूचना के सर्वे के सम्बन्ध में कोई समाचार प्रकाशित किया गया तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
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