शंखनाद INDIA/ उत्तराखंड-: जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया द्धारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत घाट ब्लाक के रामणी गांव में जांच के दौरान भारी वित्तीय अनियमितताएं पाए जाने पर तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी मनोज कुमार एवं तत्कालीन ग्राम प्रधान सुलोचना देवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए।
जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम चमोली द्वारा कराई गई जांच मेें यह तथ्य प्रकाश में आया कि वर्ष 2017 मेें परियोजना प्रबंधक स्वजल द्वारा ग्राम सभा रामणी के 138 लाभार्थियों को पहली और दूसरी किस्त के तहत 4 हजार रुपये प्रति किस्त की दर से 11 लाख 4 हजार रुपये की धनराशि दी गई थी। तत्कालीन ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा 3 लाख 12 हजार की धनराशि आहरित कर 40 लाभार्थियों को प्रथम किस्त तथा 33 लाभार्थियों को दूसरी किस्त सहित कुल 3 लाख 12 हजार नगद वितरण किया जाना अंकित पाया गया। परन्तु जब ग्राम रामणी में लाभार्थियों से पूछताछ की गई तब कुछ लाभार्थियों ने प्रथम किस्त 4 हजार के स्थान 3 हजार रुपये नगद दिए जाने तथा कतिपय लाभार्थियों ने कोई धनराशि न मिलने की बात कही।
इसी प्रकार दूसरी किस्त के रूप में 38 लाभार्थियों को 1 लाख 52 हजार का भुगतान दिखाया गया। जबकि इन लाभार्थियों को दूसरी किस्त का कोई भुगतान नही किया गया। सरकारी धन के दुरूपयोग होने की आशंका पर संबधितों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिसके जबाव् मेें उनके द्वारा कोई संतोषजनक एवं तथ्यात्मक उत्त्तर नहींं दिया गया।
उक्त जांच से स्पष्ट हुआ कि ग्राम पंचायत रामणी की तत्कालीन ग्राम प्रधान सुलोचना देवी ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष लाभार्थियों को धनराशि वितरण में घोर अनियमितताएं बरती है। साथ ही तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी मनोज कुमार भी 1 लाख 52 हजार की धनराशि, आहरित कर धनराशि का लाभार्थियों को वितरण न करने एवं धनराशि के गबन में संलिप्तता के दोषी पाए जाने पर जिलाधिकारी द्धारा खंड विकास अधिकारी घाट को संबधितों के विरूद्व एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किये गयेे।