महक क्रांति

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने संगध पौंध केन्द्र की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि प्रदेश में महक क्रांति नीति के विस्तार के लिए वर्ष 2025 से वर्ष 2047 (विकसित भारत संकल्प) तक की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि महक क्रांति से प्रदेश में रोजगार के अवसर खुलेंगे।

महक क्रांति नीति से खुलेंगे रोजगार के अवसर

महक क्रांकि नीति के प्रथम चरण में 22,750 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कार्य किया जाएगा। जिससे लगभग 1,050 करोड़ रुपए का टर्नओवर और 91 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। महक क्रांति नीति के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में औषधीय एवं सुगंधित पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष वैली विकसित की जाएंगी।

जिनमें चमोली और अल्मोड़ा में डैमस्क रोज़ वैली (2000 हैक्टेयर), चम्पावत एवं नैनीताल में सिनॉमन वैली (5200 हैक्टेयर), पिथौरागढ़ में तिमूर वैली (5150 हैक्टेयर), हरिद्वार एवं पौड़ी लैमनग्रास वैली (2400 हैक्टेयर), ऊधमसिंह नगर एवं हरिद्वार में मिन्ट वैली (8000 हैक्टेयर) सम्मिलित हैं।

जानें क्या है महक क्रांति ?

उत्तराखंड में “महक क्रांति” योजना के अंतर्गत सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जिलों और घाटियों में बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिकी को मजबूत करना और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना है। उत्तराखंड सगंध पौधा केंद्र (Centre for Aromatic Plants – CAP) इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

महक क्रांति नीति होगी गेमचेंजर

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि महक क्रांति नीति प्रदेश के किसानों के लिए गेमचेंजर साबित होगी और इससे सुगंधित खेती को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना का ड्राफ्ट शीघ्र ही मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।