चमोली। देवाल विकासखंड के अनुसूचित जाति बाहुल्य ऐरठा गांव में सड़क सुविधा न होने का खामियाजा ग्रामीणों को लगातार भुगतना पड़ रहा है। सड़क के अभाव में न केवल दैनिक जीवन प्रभावित है, बल्कि आपात स्थितियों में मरीजों और गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना भी बेहद कठिन हो जाता है। इसकी बानगी शुक्रवार को उस समय देखने को मिली, जब बीमार पूरन राम को परिजनों और ग्रामीणों ने डंडी में बैठाकर करीब पांच किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को 40 वर्षीय पूरन राम की तबीयत अचानक बिगड़ गई। गांव तक सड़क न होने के कारण परिजनों के पास डंडी-कंडी के सहारे मरीज को अस्पताल ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। ग्रामीणों की मदद से पूरन राम को कंधों पर लादकर पीएचसी तक पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर श्रीनगर रेफर कर दिया।

ग्रामीणों का कहना है कि ऐरठा गांव के लिए वर्ष 2021 में आठ किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन चार साल बीत जाने के बावजूद अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। सड़क न होने के कारण बीमारों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को हर आपात स्थिति में जान जोखिम में डालकर पैदल सफर करना पड़ता है।

ग्राम प्रधान प्रेमा देवी सहित प्रकाश राम, सुरेश राम, नंदन टम्टा, त्रिलोक राम, रमेश राम, खिलाप राम, हरेंद्र राम, गंगा राम और कुंवर राम ने प्रशासन से शीघ्र सड़क निर्माण की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।