Delhi : दिल्ली सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना में भूमि अधिग्रहण घोटाले का केस CBI को सौंप दिया है। इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेजी थी। सीएम ने एलजी से दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने की मांग की है। केजरीवाल ने मुख्यसचिव पर 850 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

Delhi : ज्यादा मुआवजा बढ़ाने में शामिल होने का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार के खिलाफ 650 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट बनाई गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए अधिग्रहित दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बामनोली गांव में जमीन के एक टुकड़े के लिए ज्यादा मुआवजा बढ़ाने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, ताकि नरेश कुमार अपने बेटे से जुड़ी कंपनी को अवैध तरीके से लाभ पहुंचा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनी को 850 करोड़ का नाजायज फायदा पहुंचाया। रिपोर्ट में आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार सहित दिल्ली के सतर्कता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा घोटाले के पैमाने को 312 करोड़ रुपये से कम आंकने की साजिश का खुलासा किया है।

Delhi : 2015 में जमीन 75 लाख में खरीदी थी

चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार के बेटे की कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास साल 2015 में ये जमीन मात्र 75 लाख में खरीदी थी। अब महंगे रेट पर उसी जमीन का भूमि अधिग्रहण द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए हुआ है। इस तरीके से मुख्य सचिव के बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। आतिशी ने अपनी रिपोर्ट में मुख्य सचिव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। आतिशी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के मुख्य सचिव ने बेटे की कई अन्य कंपनियों को भी सरकारी ठेके दिए। उन्होंने उनकी जांच की भी सिफारिश की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जमीन मामले की फाइल पर हस्ताक्षर करने वाले सतर्कता विभाग के सभी अधिकारी और मुख्य सचिव भी शामिल हैं। Also Read : NEWS : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मोहम्मद हफीज को बनाया डायरेक्टर

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× हमारे साथ Whatsapp पर जुड़ें