शंखनाद INDIA/देहरादून

उत्तराखंड में जैसे जैसे कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है, सरकार की परेशानियां भी लगातार बढ़ती जा रही है| राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोरोना वैक्सीनेशन का अभियामन भी चलाया गया है जिसमें भारी संख्या में पहुंचकर लोग कोरोना का टीका लगा रहे हैं| उत्तराखंड में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरूवात की गई थी|  राज्य के कई इलाकों में कोरोना टीका लगवाने के लिए कैंप का आयोजन किया जा रहा है|  हालांकि अब जिले में कोरोना वैक्सीन की कमी होने लग गई है|  कोरोना संक्रमण बढ़ने से लोगों में वैक्सीन लगवाने के लिए खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। लेकिन केंद्र से वैक्सीन की खेप न मिलने से उत्तराखंड में लोगों को टीके लगाने का संकट खड़ा हो गया है।

राज्य के 4 जिलों में कोरोना वैक्सीन का स्टॉक पूरी तरह से समाप्त हो चुका है| चमोली, नैनीताल, देहरादून और टिहरी में फिलहाल टीकाकरण को बंद कराया गया है| यहां अभी कोरोना वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो चुका है जिस कारण इस अभियान को रोक दिया गया है| कोरोना का स्टॉक खत्म होने से लोगों  में अब डर बन गया है| राज्य में अभी तक स्वास्थ्य कर्मचारियों, फ्रंट लाइन वर्करों और 45 से 60 साल से अधिक आयु वर्ग में 10.57 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है। जबकि 74,233 स्वास्थ्य कर्मियों व 61812 फ्रंट लाइन वर्करों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाकर टीकाकरण पूरा किया गया।  हालांकि अब कोरोना वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने से लोगों के चेहरों पर मायूसी छा गई है| लोगों को कोरोनो संक्रमण फैलने का डर सताने लगा है|

दून अस्पताल में नई ओपीडी बिल्डिंग और एमएस आवास में टीकाकरण किया जा रहा है। यहां हर दिन करीब 300 लोगों का टीकाकरण किया जाता है। लेकिन आज एमएस आवास पर कोरोना वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने के कारण टीकाकरण अभियान को बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने केंद्र से 10.57 लाख वैक्सीन डोज की मांग की है| फिलहाल प्रदेश में केवल 1.49 लाख वैक्सीन डोज का स्टॉक बचा है जो जल्द ही खत्म हो सकता है|

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