भारतीय सेना ने हाल ही में “ऑपरेशन सिंदूर” को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक बार फिर ये सिद्ध कर दिया है कि वो देश की रक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। उत्तराखंड कांग्रेस ने भारतीय सेना के साहस शौर्य और पराक्रम को नमन करने के लिए और भारतीय सेना का आभार ज्ञापित करने के लिए शौर्य सम्मान यात्रा निकाली। जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत भी शामिल हुए।
कांग्रेस ने निकाली सेना शौर्य तिरंगा सम्मान यात्रा
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना का धन्यवाद करने के लिए उत्तराखंड युवा कांग्रेस ने सेना शौर्य तिरंगा सम्मान यात्रा निकाली। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत सेना ने न केवल रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त किया, बल्कि दुर्गम परिस्थितियों में साहस, अनुशासन और तकनीकी कुशलता का उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत किया। इस अभूतपूर्व सफलता के लिए सम्पूर्ण राष्ट्र भारतीय सेना के जांबाज जवानों के प्रति हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित करता है। सेना के अदम्य साहस, धैर्य और प्रतिबद्धता ने देशवासियों में गर्व और आत्मविश्वास का संचार किया है।
भारतीय सेना को कांग्रेस ने किया नमन
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि भारतीय सेना की ये सफलता उन सभी वीर जवानों को समर्पित है जो निःस्वार्थ भाव से मातृभूमि की सेवा में संलग्न हैं। राष्ट्र उनके बलिदान और समर्पण को नमन करता है। इस दौरान वक्ताओं ने मोदी सरकार से सवाल किए कि पहलगाम हमले के आतंकियों को अभी तक क्यों नहीं पकड़ा गया? सरकार सांसदों को विदेश भेज रही है लेकिन हमलावरों को सज़ा क्यों नहीं दिला पा रही? पाकिस्तान के साथ बीजेपी का अतीत पर भी सवाल उठे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया हमारे देश का अपमान
उत्तराखंड पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में चकराता से विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि IMF ने पाकिस्तान को 1.4 बिलियन का बेलआउट लोन दिया, लेकिन भारत के पक्ष में कोई नहीं बोला। हमारी सेना जब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी, उसी समय अचानक सीज़फायर की घोषणा कर दी गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये कहकर हमारे देश का अपमान किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर कराया। उन्होंने ये बयान दस से भी अधिक बार दोहराया। पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई में एकजुट था, लेकिन पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के बयानों पर स्पष्टता देने से लगातार बच रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने की बात अचानक उठाई ताकि वे खुद से जुड़े कठिन सवालों से ध्यान हटा सकें, जबकि उनकी वैश्विक छवि बुरी तरह प्रभावित हुई है।