पंचायत चुनाव

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों को लेकर घमासान मचा हुआ है। चुनावों के शोर के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिल रही है। जहां एक ओर कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। तो वहीं अब कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर भी आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर लगाए आरोप

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों में चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस राज्य निर्वाचन आयोग पर भी हमलावर नजर आ रही है।आज राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा लिए गए इस निर्णय को कांग्रेस की मांग का प्रतिफल बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि प्रदेश में गतिमान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को राज्य निर्वाचन आयोग ने मजाक बना कर रख दिया। धस्माना का कहना है कि पूरी चुनावी प्रक्रिया को सत्ताधारी भाजपा के अनुकूल बनाने के लिए सारे नियम और कायदों की धज्जियां उड़ा के रख दी।

कांग्रेस राज्यपाल से करेगी ये मांग

कांग्रेस ने 23 जून को बाकायदा राज्य निर्वाचन आयुक्त से एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ जा कर मुलाकात की थी।  उनको सौंपे मांगपत्र पर स्पष्ट रूप से ये आशंका जाहिर की थी कि भाजपा ने ऐसे लोगों को चुनावों में विभिन्न पदों पर उतरने की तैयारी की है जिनके नाम निकाय चुनावों में और अब पंचायत चुनावों की वोटर लिस्ट में हैं और अनेक लोगों के दो दो जिलों में भी नाम दर्ज हैं।

ऐसे लोगों को चुनाव में पंचायती राज अधिनियम के तहत अयोग्य करने के आदेश पीठासीन अधिकारियों को स्पष्ट रूप से दिए जाएं। लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग ने ठीक इसके विपरीत ये आदेश जारी कर दिया कि ऐसे प्रत्याशियों के नामांकन इस आधार पर रद्द न किए जाएं जिनके दो दो जगह नाम दर्ज हों और इन्हीं आदेशों के विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश दिया जिसके चलते ये स्थिति उत्पन्न हुई।

धस्माना ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग की इस धींगामुशती व कानून व नियम विरुद्ध कार्य करने के आधार पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राज्य के महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य निर्वाचन आयुक्त को तत्काल उनके पद से बर्खास्त करने की मांग करेगा।