मुख्यमंत्री की विधानसभा में चरमराई शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था “आदर्श जिला” का दावा भ्रामक: आनंद सिंह माहरा
चंपावत। प्रदेश सचिव, कांग्रेस कमिटी उत्तराखंड, आनंद सिंह माहरा ने कहा कि आज प्रदेश के मुख्यमंत्री तथाकथित “धाकड़ धामी” बनबसा एवं टनकपुर के दौरे पर रहे, किंतु विडंबना यह है कि मुख्यमंत्री की अपनी ही विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
चंपावत जिले की शुरुआत बनबसा से होती है, जहाँ आज भी अनेक सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। टनकपुर से लेकर जिले के दूरस्थ गांवों तक कई विद्यालय ऐसे हैं जहाँ शिक्षक नदारद हैं, और बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यह स्थिति तब है जब ये विद्यालय कांग्रेस शासन की देन रहे हैं, जिन्हें भाजपा राज में उपेक्षा का शिकार बनाया गया है।
माहरा ने कहा कि “डबल इंजन सरकार” विकास के नाम पर केवल भाषण और मीडिया प्रचार की चादर ओढ़े बैठी है, जबकि ज़मीनी सच्चाई यह है कि प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों व्यवस्था शून्य पर आ खड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री की ही विधानसभा में यह स्थिति है तो पूरे प्रदेश की हालत का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। “चंपावत आदर्श जिला” का दावा केवल कागज़ों और प्रचार में सीमित है।
माहरा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि चंपावत जनपद के सभी विद्यालयों में शीघ्र शिक्षकों की नियुक्ति की जाए तथा स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के ठोस कदम उठाए जाएँ। जनता अब दिखावटी विकास नहीं, व्यवहारिक सुधार चाहती है।
