राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ऐथल के लिपिक रहे मदन सिंह गोसाई को दस हजार रुपये के अर्थदंड के साथ ही सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। दरअसल आरोपी लिपिक ने वर्ष 2008 में विद्यालय में तैनाती के दौरान कई प्रधानाचार्यों के फर्जी हस्ताक्षर तैयार किए और उनके सामान्य भविष्य निधि खातों से अवैध रूप से धन निकाल लिया।
निजी लाभ के लिए निकाले पैसे
इतना ही नहीं, छात्र-छात्राओं से एकत्रित राजकीय शुल्क और छात्र निधि की रकम भी पासबुक में जमा न कर, उसका निजी लाभ के लिए गबन कर लिया गया। यह सारा घोटाला उस समय उजागर हुआ जब विद्यालय के तत्कालीन प्रधानाचार्य ने खातों की जांच के दौरान गड़बड़ियों को पकड़ा और इसकी शिकायत पथरी थाने में दर्ज कराई।
14 गवाहों के बयान हुए दर्ज
थाना पथरी पुलिस ने मामले की तफ्तीश के बाद आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। इस मामले में न्यायालय ने करीब 14 गवाहों के बयान दर्ज किए और ठोस साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया। पांच साल की जेल और 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई।