सड़क स्वीकृति के 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी गांव तक नहीं पहुंच पाई सड़क,ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी।
रिपोर्ट- लक्ष्मण सिंह नेगी / जोशीमठ/चमोली
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जहां गांवों को जोड़ने का संकल्प भारत सरकार के द्वारा लिया गया है, वहीं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग इस योजना पर पलीता लगा रहा है। यह कहना है सड़क से वंचित ग्रामीणों का, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्वीकृति व बजट मिलने के बाद भी संबंधित विभाग सड़क का निर्माण कार्य नहीं करवा पा रहा है।
बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का मानक है कि योजना की स्वीकृति के बाद कार्य प्रारंभ होता है उस दिन से 9 माह के अंतर्गत सड़क कटिंग प्रथम और द्वितीय चरण का कार्य पूरा हो जाना चाहिए। कहा कि उसके बाद कार्यदायी संस्था व ठेकेदार को 5 वर्ष तक उस सड़क का रख रखाव का कार्य करना होता है। बताया कि पिछले 15 वर्षों से सैजी लगा मैकोट, वेमरु नाम से स्वीकृत इस सड़क पर कार्य चल रहा है लेकिन आज तक सड़क गांव तक नहीं पहुंच पाई है। वर्ष 2007 में 32 किलोमीटर स्वीकृत यह सड़क अब तक मात्र 3 किलोमीटर ही आगे बढ़ पाई है।
ग्रामीण लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि सड़क के समरेक्षण एवं निर्माण के समय 29 किलोमीटर कार्य होना था जिसे अलग-अलग ठेकेदारों को समय-समय पर विभाग के द्वारा दिया जाता रहा किन्तु 15 वर्ष में 29 किलोमीटर सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। बताया कि वर्तमान में स्यूंण गांव से 1 किलोमीटर आगे सड़क का निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदाई संस्था अभी सड़क को डुमक तक नहीं बनाना चाहती है व विभाग ने 9 किलोमीटर सड़क की पूरी धनराशि का गड़बड़ झाला कर दिया है। वहीं दो गांवो को आपस में लड़ाने का काम विभाग कर रहा है। कहा कि भारत सरकार द्वारा 29 किलोमीटर सड़क की वन हस्थानांतरण एवं डीपीआर स्वीकृत की गई है। अब सड़क निर्माण में अनावश्यक अड़चन डाल जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीण व सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम सिंह सनवाल का कहना है कि डुमक को सड़क से वंचित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसी कारण इससे पूर्व हुए सर्वेक्षण कार्य को गलत बताकर नया सर्वेक्षण कर फिर दुबारा वन हस्थानांतरण की कार्रवाई की जा रही है।जिससे योजना में अनावश्यक देरी हो रही है। बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण का कार्य 31 मार्च 2024 के बाद बंद हो जाएगा और इसके बाद जो भी कार्य होंगे राज्य सरकार को करना होगा।
इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र मोटर रोड का काम शुरू करने की मांग की है। ग्रामीणों ने 15 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं किये जाने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों ने तय किया है कि 26 दिसंबर 2023 को अपने-अपने गांव में इस सड़क की मांग को लेकर शांतिपूर्ण रूप से मसाल जुलूस निकालेंगे।
पूर्व प्रधान बहादुर सिंह रावत ने कहा कि यह सड़क का कार्य जितना निर्माण हुआ है उसमें भी कई जगहों पर डिफेक्ट कटिंग की आवश्यकता है जुलाई 2023 के बाद यह सड़क मैकोट गांव से आगे जगह जगह क्षतिग्रस्त हुई है और इसकी मरम्मत की कार्यवाही नहीं हुई है जो चिंता का विषय है।इस अवसर पर डुमक सहित विभिन्न गांव के एक दर्जन से अधिक लोगों ने जिला अधिकारी कार्यालय में जाकर के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत किया और एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कड़ी चेतावनी देते हुए मांग की है कि सड़क का कार्य यदि शुरू नहीं किया गया तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा।