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केंद्रीय मंत्री जुअल ओराम ने ने देश के बजट को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने केंद्रीय बजट को जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तिकरण करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट में की गई दोगुनी बढ़ोत्तरी, लाभार्थी होने के साथ साथ, विकसित भारत निर्माण में जनजातीय क्षेत्रों की सक्रिय सहयोगात्मक भूमिका को भी सुनिश्चित करेगा।

सशक्त और समृद्ध उत्तराखंड बनाने वाला है केंद्रीय बजट

रविवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जनजातीय मामलों के मंत्री ने मोदी सरकार के केंद्रीय बजट को आत्मनिर्भर भारत निर्माण का दस्तावेज बताया। राष्ट्र कायाकल्प करने वाले इस बजट में गरीब, किसान, युवा और महिलाओं पर विशेष फोकस किया गया है।

उन्होंने कहा कि इसमें विशेष तौर पर जनजातीय कल्याण को ध्यान रखकर वहां की शिक्षा, आजीविका और आधारभूत ढांचों में सुधार के लिए योजनाएं बनाई गई है। अपने विभाग का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, 2014 के लगभग 4,497 करोड़ रुपए के मुकाबले वर्तमान में 231 गुना बढ़ोतरी के साथ 14,925 करोड़ रुपए बजट में आवंटित किए गए हैं। ये वृद्धि विगत वर्ष के आवंटित राशि से ही 45.79 फीसदी अधिक है।

रोजगार को लेकर आधारभूत ढांचे की कमियों को किया जाएगा दूर

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना को धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत लाते हुए 80,000 करोड़ के बजट के साथ अगले 5 सालों के लिए बढ़ाया गया है। जिसमें PMAAGY को आवंटित राशि में 163 फ़ीसदी बढ़ोतरी करते हुए लगभग 336 करोड़ रुपए दिए गए हैं। जिसमें इन क्षेत्रों के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर आधारभूत ढांचे की कमियों को दूर किया जाएगा।

प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन में 380 करोड़ के बजट से जनजातीय समुदायों की वार्षिक आय को बढ़ाया जाएगा। इसी तरह प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान पीएम जनमन की फंडिंग को दुगना करते हुए 150 करोड़ से 350 करोड़ किया गया है जिसका उपयोग जनजातीय समूह के सामाजिक आर्थिक उत्कर्ष में सहयोग के लिए किया जाएगा।

पांच सालों में बदली जाएगी गांवों की दशा

केंद्रीय मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से जनजातीय समाज के दूरस्थ इलाकों में गुणवत्ता परक शिक्षा के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल योजना चलाई जा रही है। जिसकी सफलता को देखते हुए उसके बजट को विगत वर्ष के 4748 करोड रुपए को 7088 करोड़ कर दिया गया है।

उन्होंने बताया धरती आभा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान, गेम चेंजर साबित होने वाला है। जिसमें आवंटित 79,156 करोड़ रुपए की धनराशि से अगले 5 सालों में 63,843 गांव की दशो-दिशा को बदला जाएगा। जिसमें लगभग 56333 करोड रुपए केंद्र और 22823 करोड़ रुपए राज्य की हिस्सेदारी होगी। इस शुरुआत से 17 मंत्रालय को एक साथ लाकर ट्राइबल क्षेत्र के विकास के प्रमुख हिस्सों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा।