शंखनाद.INDIA नैनीताल ।हाई कोर्ट ने द्वाराहाट (अल्मोड़ा) से भाजपा विधायक महेश नेगी की देहरादून सीजेएम कोर्ट से उनका डीएनए सेंपल लेने के आदेश को चुनौती देती याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सरकार की ओर से कोर्ट में दाखिल शपथपत्र में मामले की विवेचक द्वारा लगाई गई फाइनल रिपोर्ट की जानकारी दी गई। इसमें विधायक व उनकी पत्नी के खिलाफ किसी तरह का अपराध नहीं पाया गया है। कोर्ट ने सरकार के शपथपत्र के आधार पर विधायक की याचिका को निस्तारित कर दिया। दुराचार के आरोप से मुक्त होने के इस आदेश से विधानसभा चुनाव से पहले विधायक नेगी को बड़ी राहत मिली है। उधर, कोर्ट ने महिला की यौन शोषण मामले की सीबीआइ जांच कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार व विधायक महेश नेगी को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 13 जनवरी नियत की है। पीड़िता की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि नेगी की डीएनए जांच कराई जाए, वे ही मेरी बेटी के पिता है।

यह है मामला 

पीड़िता ने छह सितम्बर 2020 को  नेहरू कालोनी देहरादून में एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है। अब नेगी व उनकी पत्नी रीता उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इस मामले जांच कर रहे दो आइओ को भी सरकार ने बदल दिया है, इसलिए कि विधायक सत्तारूढ़ पार्टी के हैं। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपात रवैया अपना रही है। देहरादून सीजेएम कोर्ट ने दिसंबर 2020 को आदेश पारित कर विधायक को डीएनए सेंपल लेने के लिए तलब किया था। निचली अदालत के आदेश को विधायक द्वारा याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी। दोनों याचिकाओं पर सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई।

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