5 सितंबर को उत्तराखंड की बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इससे पहले ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के मजबूत नेता रंजीत दास ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।

बागेश्वर उपचुनाव को लेकर उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। चुनाव को लेकर सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों की बीच तैयारियां जोरों पर है। अभी तक बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। लेकिन कांग्रेस को प्रत्याशी घोषित करने से पहले ही जोरदार झटका लगा है।  कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रंजीत दास आज देहरादून में बीजेपी के सदस्य बन गए हैं. उन्हें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के द्वारा भाजपा की सदस्यता दिलाई गई है। बता दें कि कांग्रेस के द्वारा आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बसंत कुमार को टिकट देने की चर्चाओं के बीच रंजीत दास पहले ही बीजेपी के सदस्य बन गए हैं।

गौर हो की रंजीत दास का बागेश्वर क्षेत्र में युवाओं के बीच बड़ा दबदबा है। रंजित रावत का ऐसे समय में पार्टी को छोड़ बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। रंजीत दास पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय गोपाल रामदास के पुत्र हैं। उनका बागेश्वर और गरुड़ क्षेत्र में काफी ज्यादा बोलबाला है। हालांकि साल 2022 में चंदन रामदास ने उन्हें 12,000 से अधिक वोटों से हराया था। बताया जा रहा है कि रंजीत दास लंबे समय से कांग्रेस के बड़े नेताओं से इस बात से खफा थे कि हारने के बाद उन्हें पार्टी नजरअंदाज कर रही थी। ऐसे में उन्होंने ठीक चुनाव से पहले कांग्रेस का साथ छोड़कर कहीं ना कहीं बागेश्वर में कांग्रेस के गणित को गड़बड़ा दिया है। रंजीत दास का बागेश्वर में अच्छा खासा जन आधार बताया जाता है।

बता दें कि उत्तराखंड के बागेश्वर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार 5 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 8 सितंबर को मतगणना की तिथि रखी गई है. प्रत्याशी 17 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। 18 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 अगस्त की तिथि नाम वापसी के लिए रखी गई है। 5 सितंबर को बागेश्वर विधानसभा सीट पर मतदान होगा और 8 सितंबर को मतगणना की जाएगी।

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