फर्जी पहचान, अवैध बॉर्डर क्रॉसिंग और निकाह का खुलासा
देहरादून पुलिस ने फेसबुक के माध्यम से शुरू हुई एक संदिग्ध दोस्ती से जुड़े बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। बांग्लादेशी नागरिक ममून हसन (28) और त्यूणी निवासी रीना चौहान को गुरुवार रात गिरफ्तार किया गया।
ममून ने शहर में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर अपना नाम सचिन चौहान रखा और उसी पहचान के आधार पर एक क्लब में बाउंसर की नौकरी कर रहा था। दोनों पिछले काफी समय से देहरादून में अलग-अलग किराये के मकानों में रह रहे थे।
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत अवैध रूप से निवास करने वालों पर चल रही सख्त निगरानी के दौरान नेहरू कॉलोनी पुलिस और एलआईयू को दोनों के बारे में सूचना मिली। जांच में पता चला कि रीना, जो अपने पहले पति सचिन चौहान से अलग रह रही थी, ने फेसबुक पर ममून से दोस्ती की थी।
इसके बाद ममून 2019 से 2021 के बीच कई बार टूरिस्ट वीजा पर भारत आया। कोरोना काल में वीजा खत्म होने पर वह रीना को अवैध तरीके से बांग्लादेश ले गया, जहां दोनों ने निकाह कर लिया। इसके बाद दोनों कई बार अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार करते रहे।
रीना ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने अपने परिचितों की मदद से ममून के लिए अपने पूर्व पति के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए। पुलिस ने सभी फर्जी दस्तावेज बरामद कर लिए हैं और यह भी जांच की जा रही है कि कहीं दोनों ने इनकी सहायता से कोई देश-विरोधी गतिविधि तो नहीं की।
एसएसपी ने बताया कि अब तक ऑपरेशन कालनेमि के तहत छिपकर रह रहे 16 बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें नौ को डिपोर्ट किया गया है, जबकि सात को विभिन्न अपराधों में जेल भेजा गया है।
