शंखनाद इंडिया ने तीन दिन पहले ही समाचार लिखा था जिसका खुलासा हो गया है।
पौड़ी जिले के श्रीनगर में चिल्ड्रंस एकडेमी जूनियर हाईस्कूल में अशासकीय विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के पद पर प्राथी ने नाम न अंकित होने पर जिला शिक्षा अधिकारी पौड़ी और डीएम पौड़ी को शिकायत की है। मामला अशासकीय विद्यालय में नौकरी को लेकर है ।एक बार अशासकीय विद्यालयों में जूगाड और सैटिंग के जरिए अपने लोगों नोकरियों पर लगाने का खेल जारी है। चिल्ड्रन एकेडमी श्रीनगर में दो अभ्यर्थियों ने शिकायत की है। शंखनाद इंडिया के सूत्रों के अनुसार पौड़ी में एक कुख्यात शिक्षक संघ का पदाधिकारी अपने निकटतम को नौकरी लगाने के लिए पुरा खेल रच रहा है। पहले भी अनेकों मामलों में नाम आता रहा है। दोनों अभ्यर्थियों के पत्र संलग्न हैं।
चिल्ड्रेन्स अकादमी श्रीनगर में सामाजिक विज्ञान विषय के सहायक अध्यापक की अपॉइंटमेंट फिक्सिंग,मेरिट में सबसे ज्यादा प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले आवेदनकर्ता की सक्रियता से फेल हो गयी है। दरअसल चिल्ड्रेन्स अकादमी में सामाजिक विज्ञान विषय मे सहायक अध्यापक का एक पद विज्ञापित किया गया था,जिस हेतु प्रेम सिंह नाम के अभ्यर्थी ने भी आवेदन किया,किंतु साक्षात्कार हेतु जारी मेरिट लिस्ट में उनका नाम गायब था,इस सम्बंध में जब प्रेम सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) कार्यालय से सम्पर्क साधा,तो उसको बताया कि उसका रोज़गार कार्ड आवेदन पत्र के साथ संलग्न नहीं था!ये जानकर प्रेम सिंह का माथा ठनका और वो समझ गये कि उन्हें चयन पक्रिया से बाहर करने हेतु ये षडयंत्र रचा जा रहा है,प्रेम सिंह ने मामले की शिक़ायत जिला धिकारी पौड़ी जोगदंडे को की,जिसमें बताया गया कि यह सब अशासकीय विद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री जगमोहन रावत जो कि जनता इन्टर कॉलेज ढामकेश्वर में सहायक अध्यापक हैं की सगी बहन रेखा बुटोला जिसका मेरिट लिस्ट में गुणांक 63.33 % है का चयन करने हेतु किया गया है।प्रेम सिंह का मेरिट लिस्ट में गुणांक 68.40 % है,ऐसे में रेखा बुटोला का चयन होना सम्भव ही नहीं था,प्रेम सिंह के अतिरिक्त एक अन्य अभ्यर्थी वन्दना ने भी इसी तरह का षडयंत्र रचकर उनका नाम भी मेरिट लिस्ट से गायब करने का आरोप लगाया,जिससे जिलाधिकारी ने मामले को भांप लिया और तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) को मामले की जाँच हेतु लिखा,जिलाधिकारी के दखल के बाद,जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) ने उक्त साक्षात्कार को तो रदद्द कर दिया है,लेकिन योग्य अभ्यर्थियों को षड़यंत्र के तहत चयन प्रक्रिया से बाहर करने वालों को सजा मिलना अभी बाकी है।