आंगनबाड़ी केंद्रों की सूरत संवारने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने एक नई शुरुआत की है। “बैणियां संवाद” कार्यक्रम के तहत नियमित रूप से मंत्री रेखा आर्या वीडियो कॉल पर आंगनवाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करेंगी। इसके साथ ही आंगनबाड़ी बहनों से संवाद भी करेंगी।
“बैणियां संवाद” से बदलेगी आंगनबाड़ी केंद्रों की सूरत
प्रदेश के दूरस्थ गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने आए बच्चों के लिए शनिवार एक विशेष दिन बन गया। क्योंकि वीडियो कॉल पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या स्वयं उनके रूबरू हुईं। आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्थाओं को परखने और इंतजामों को सुधारने की दिशा में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने “बैणियां संवाद” कार्यक्रम की शुरुआत की है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि ये पहल दूरस्थ आंगनबाड़ी केंद्रों के वीडियो कॉल पर लाइव निरीक्षण के साथ-साथ आंगनबाड़ी बहनों बच्चों से आत्मिक संवाद का भी मंच बनेगी।
मंत्री रेखा आर्या ने की कार्यकत्री तारा से बात
कार्यक्रम के पहले एपिसोड में शनिवार को मंत्री ने अपने कैंप कार्यालय से वीडियो कॉल पर बागेश्वर जिले के माजियाखेत आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकत्री गीता और उत्तरकाशी के नकोट केंद्र पर काम कर रही कार्यकत्री तारा के साथ बातचीत की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने उनसे पूछा कि बच्चों की पढ़ाई, खाने-पीने, पोषण और आंगनबाड़ी केंद्र की रसोई की व्यवस्थाएं कैसी चल रही हैं। वीडियो कॉल पर ही केंद्र की किचन आदि का निरीक्षण भी किया। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री से सुधार के लिए उनके सुझाव भी मांगे।
नियमित रूप से चलाया जाएगा कार्यक्रम
मंत्री ने इस दौरान बच्चों से भी एक-एक कर वीडियो कॉल पर बातचीत की। बच्चों ने उन्हें मिलने वाले खाने व पढ़ाई लिखाई के बारे में मंत्री को सीधे जानकारी दी। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि ये कार्यक्रम समय-समय पर नियमित रूप से चलाया जाएगा। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ये जानकारी नहीं होगी कि किस दिन किसके पास वीडियो कॉल जाएगा। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर खाने में अंडे न पहुंचने पर मंत्री ने विभाग के अधिकारियों से जवाब भी मांगा है।
गीता को मिली शाबाशी
बागेश्वर जिले के आंगनबाड़ी केंद्र पर काम करने वाली कार्यकत्री गीता को मंत्री ने जमकर सराहा। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि जिस तरह से केंद्र पर बच्चों की संख्या को दो से बढ़ाकर 32 किया है और जिस तरह बच्चे हिंदी अंग्रेजी वर्णमाला और गिनतियां अच्छी तरह सुना रहे हैं उससे आपकी कार्यप्रणाली झलकती है।