गोपेश्वर चमोली /सुरेंद्र सिंह रावत/
कर्यक्रतियों व भोजनमाताओ के साथ विभिन्न संगठनों (सीटू से सम्बद्ध) के लोग सैकड़ो की संख्या में सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय गोपेश्वर की सड़कों पर गरजे। इस दौरान प्रदर्शनकारी गोपेश्वर में सड़कों पर जलूस प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुचे।

आंगनबाड़ी कार्यकत्री,भोजन माता समेत अन्य संगठन सड़को पर गरजे और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान आंगनबाड़ी कर्यक्रतियों ने कहा कि उनको मजदूरो से भी कम मानदेय दिया जा रहा है। जबकि उनसे अतिरिक्त सेवा भी ली जा रही है। संगठन की मांग है की उन्हे राज्य कर्मचारी घोषित किया जाय व वेतन भोगी बनाया जाय। आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने कहा की उनकी मांगों पर अमल नही हुआ तो आंगनबाड़ी कार्यकत्री सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगी।

वहीं विगत लंबे समय से भोजन माताएं न्यूनतम वेतन 26000 किए जाने की मांग कर रहे हैं। भोजन माताओं का कहना है कि भोजन माता को बिना किसी कारण के हटाया जा रहा है उनके सामने यह मांग रखी जा रही है कि जिनके बच्चे उस स्कूल में पढ़ते हैं वहीं महिला भोजन माता का काम करेगी। भोजन माताओ ने सवाल उठाया कि जितने भी सरकारी कार्मिक वर्तमान समय में विभिन्न सरकारी कार्यालयों और शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं क्या उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

अगर नहीं तो फिर केवल भोजन माता पर इस तरह का तानाशाही नियम कानून क्यों थोपा जा रहा है। वहीं सीटू के ज्ञानेंद्र खंतवाल और मदन मिश्रा ने कहा कि वर्तमान सरकार जन विरोधी सरकार है किसान परेशान जवान,मजदूर परेशान, व्यापारी परेशान इसके बावजूद सस्ता सीन पार्टी अपने तानशाही रवैये से बाज नही आ रही है।