शंखनाद INDIA / देहरादून                                                                                                            बजट सत्र के दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ। चमोली जिले के गैरसैंण में नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौडीकरण की मांग कर रहे ग्रामीणों  पर भराड़ीसैण के समीप दिवालीखाल में पुलिस के लाठीचार्ज का गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक विरोध हो रहा है। इस मसले पर मंगलवार को प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के साथ उक्रांत, आप, सपा, वामपंथी दलों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सरकार कर पुतला फूंककर पुलिस के कृत्य की निंदा की।
देहरादून में कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा के नेतृत्व मे कार्यक्रत्ताओं ने राजपुर रोड स्थित कांग्रेस भवन से  विरोध रैली निकाली। कार्यक्रत्ताओं ने एस्लेहाॅल चैक पर पहंुचकर प्रदेश सरकार का पुतला फूंका। यहां वक्ताओं ने सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि  सरकार ने गैरसैंण में शांतिपूर्ण आंदोलन को लाठी के बल पर कुचलने का काम किया है। इसे कांग्रेस कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इसका सड़क से लेकर सदन तक विरोध किया जाएगा। कहा कि भाजपा की हिटलरशाही ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है। साथ ही सरकार पर सौतले व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में स्वीकृत जन कल्याणकारी योजनाओं को समाप्त किया जा रहा है।                                                                     चमोली के घाट क्षेत्र में सड़क चौडीकरण  की घोषणा तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने की थी। इसके लिए बजट भी जारी किया गया, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने सड़क निर्माण को उधर में लटका जनता को आंदोलन के लिए मजबूर किया। जब जनता ने सरकार को अपनी पीड़ा सुनाने का प्रयास किया तो लाठीचार्ज करा दिया। इस तरह सरकार ने साबित कर दिया कि उसे आमजन के हितों से कोई सरोकार नहीं है लाठीचार्ज की जांच की मांग – उत्तराखंड महिला मंच ने भी आंदोलनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज का विरोध किया है। मंच ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस मामले की जांच कराने की मांग की है मंगलवार को मंच से जुड़ी महिलाएं शहीद स्थल स्थित मातृशक्ति स्थल पर एकत्र हुई इसके बाद जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजा। मंच की जिला संयोजक निर्मला बिष्ट ने कहा कि सरकार के समक्ष अपनी मांग रखने जा रहे आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज करना निंदनीय है। चेतावनी दी कि प्रकरण की शीघ्र न्यायिक जांच नहीं हो तो मंच आंदोलन करेगा।