कई होटलों के अतिक्रमण पर गिर सकती है गाज

शंखनाद INDIA /बागेश्वर

ऋषिकेश में अंकिता भंडारी की हत्या के बाद प्रदेश सरकार ने सभी होटलों व रिसोर्ट की जांच के आदेश दिए हैं। आदेश मिलते ही जिला प्रशासन व पुलिस भी जांच में जुट गई है। यदि प्रशासन इस पर ईमानदारी से जांच कराए तो आने वाले समय में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने की उम्मीद है।

जनपद में कई होटल व रिसोर्ट हैं। जिनमें से अधिकांश पर समय समय पर उंगली उठती रहती हैं तथा शिकायत मिलती रहती है कि होटल मालिकों ने नियम कानूनों को ताक में रखकर होटलों का निर्माण किया गया है तथा प्राधिकरण व बैंकों ने भलिभांति जांच किए ही इनको कर्ज भी दिया है। हालांकि इन शिकायतों पर कितना सच है यह तो प्रशासन की निष्पक्ष जांच के बाद ही सामने आएगा। जनपद में सर्वाधिक होटल व रिसार्ट कौसानी व कपकोट के क्षेत्रों में हैं जबकि जिला मुख्यालय में भी कुछ होटल हैं जिनके द्वारा या तो सरकारी भूमि में अतिक्रमण किया है या इनके पास सीवर की व्यवस्था मानक के अनुसार नहीं बताई जाती हैं।

हालांकि पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में 130 होम स्टे संचालित हैं जिनमें अधिकांश संख्या कौसानी व कपकोट में ही है। इसके अलावा 84 गैस्ट हाउस व होटल हैं। जिसमें कुमाउं मंडल विकास निगम के आवास गृह भी शामिल हैं। इधर मुख्यमंत्री द्वारा सभी जिलाधिकारियों को इनकी जांच करने के आदेश के बाद जनता की उम्मीदें जांच रिपोर्ट में टिकी हैं। क्योंकि जनता दबी जुबान से इन होटलों व रिसोर्ट के बारे में चर्चाएं करती रहती है कुछ होटलों के तो खुलेआम अतिक्रमण की जानकारी प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी के पास होती है परंतु अब तक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इनके खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटाई है। जिससे इनके द्वारा प्रतिवर्ष अतिक्रमण किया जाता रहा है।

कौसानी व कपकोट में बन रहे कई रिसोर्ट
जानकारी के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में कौसानी व कपकोट के दूरस्थ क्षेत्रों में जमीन की खरीद फरोख्त व रिसार्ट का निर्माण की संख्या अधिक बढ़ी है। कपकोट में कई होटल ऐसे हैं जो कि साल में कुछ ही दिन खुलते हैं तथा यहां पर पूरा स्टाफ बाहर का है। ग्रामीण बताते हैं कि होटल में कई बार हवाई सेवा से यहां लोग आते हैं तथा इनमें स्थानीय लोगों को घुसने की अनुमति तक नहीं है। इसके साथ ही कौसानी में भी चायबागान, भतड़िया मोटर मार्ग, कौसानी स्टेट मार्ग आदि मार्गों में भी कई होटल व रिसोर्ट बन रहे हैं जो कि बाहरी क्षेत्र के उदयोगपतियों के हैं। इनमें भी समय समय पर लोगों की उंगलियां उठती हैं परंतु अब तक प्रशासन ने किसी की जांच करने की आवश्यकता महसूस नहीं की है।
शासन के आदेश पर प्रत्येक होटल की जांच कराई जा रही है। जिसमें पुलिस आगंतुकों की जांच करके दिशा निर्देश दे रही है जबकि उपजिलाधिकारियों को उनके द्वारा इस्तेमाल की गई भूमि की जांच के आदेश दिए हैं। अतिक्रमण वाले होटलों, रिसार्ट पर कार्रवाई की जाएगी।

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