शंखनाद INDIA/नई दिल्ली-: भारत में एक के बाद एक कोरोना वैक्सीन, कोविशील्ड और कोवैक्सीन को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गयी है। डीसीजीआई ने प्रेस कांफ्रेंस करके ये खुशखबरी देश को दी। एक तरफ प्रधानमंत्री ने इसे गौरवशाली बताया है, तो दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के इस फैसले की तारीफ की है।
मगर इस मुद्दे पर राजनिती गरमाती नजर आ रही, समाजवादी पार्टी के बड़े नेती अखिलेश यादव ने वैक्सीन लगवाने से इंकार कर दिया है, जाहिर है की उनकी पार्दी के लोग समर्थन करेंगे ही उनके साथ-साथ पार्टी के अन्य नेताओ को डर है की कही ये वैक्सीन उन्हें नपुंशक ना बना दे। तो वही वैक्सीन न लगवाने की लिस्ट में अब योग गुरू बाबा रामदेव का नाम भी शामिल हो चुका है।
सपा प्रमुख का कहना था की आगामी 2022 विधानसभा में पार्टी चुनाव जीतती है तो वैक्सीन हम लगवाएंगे हमें भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं साथ ही लोगो को मुफ्त में वैक्सीन भी दी जाएगी। वहीं बाबा रामदेव का कहना है की वो भी वैक्सीन नहीं लगवाएंगे हालांकि, उन्होंने वैक्सीन का स्वागत तो किया है पर कहा कि वह ऐसा इसलिए नहीं करेंगे कि उन्हें वैक्सीन से डर लगता है।
बल्कि इसलिए कि उन्हें योग, आयुर्वेद व ध्यान पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि देश में अगर कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या ज्यादा है तो इसमें सबसे ज्यादा योगदान योग व गिलोय का है। उन्होंने लोगों से भी योग करने का आग्रह करते हुए कहा कि लोगों ने अपने शरीर का कबाड़ा कर रखा है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हैं, इसे बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। क्योंकि वह (वैक्सीन) ज्यादा समय तक शरीर में प्रभावी नहीं रहेगी।
मगर अब सवाल यह खड़ा होता है की “चिकित्सकों” व “वैज्ञानिकों” का “अपमान”
समझा जाए या देशहित में समझदारी..??