पिथौरागढ़। ‘आपकी पूंजी–आपका अधिकार’ अभियान के तहत आयोजित विशेष बैंक शिविर से सीमांत क्षेत्र के एक परिवार को 28 वर्ष बाद दादा के बैंक खाते में जमा धनराशि मिलने की उम्मीद जगी है। शुक्रवार को लीड बैंक की ओर से एलएसएम कैंपस में आयोजित शिविर में युवक ने आवश्यक आवेदन प्रक्रिया पूरी की। बैंक अधिकारियों का कहना है कि औपचारिकताएं पूरी होते ही संबंधित खाते में धनराशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।
विण निवासी अजय जोशी ने बताया कि उनके दादा बालकृष्ण जोशी को पेंशन मिलती थी, जो सीधे उनके बैंक खाते में जमा होती थी। वर्ष 1997 में निधन के बाद परिवार खाते से धनराशि नहीं निकाल पाया। लंबे समय तक कोई लेनदेन न होने के कारण खाता निष्क्रिय हो गया। अजय के अनुसार वे जमा धन मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन हाल ही में बैंक से कॉल आने पर ‘आपकी पूंजी–आपका अधिकार’ योजना की जानकारी मिली। इसके बाद शिविर में पहुंचकर उन्होंने आवेदन किया। उन्होंने बताया कि उनके दादा के खाते में करीब 3.80 लाख रुपये जमा हैं।
शिविर में अन्य लोगों ने भी निष्क्रिय खातों की धनराशि प्राप्त करने के लिए आवेदन किया। आठगांवशिलिंग निवासी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि उनके खाते में दस साल से अधिक समय से 10 हजार रुपये जमा थे, जिसकी उन्हें सुध नहीं थी। शिविर के माध्यम से उन्होंने भी दावा प्रस्तुत किया।
लीड बैंक अधिकारी एन.आर. जोहरी ने बताया कि जिले में 10 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय 16,278 खातों में करीब 30.54 करोड़ रुपये जमा हैं। अब तक 141 खाताधारकों, उनके परिवारों और समूह सदस्यों को 47 लाख रुपये से अधिक की राशि लौटाई जा चुकी है। एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक कवि ने कहा कि निष्क्रिय खातों के निपटान के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। शिविर में विभिन्न विभागों और बैंकों के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
