शंखनाद INDIA / देहरादून :
कोरोना काल में साइबर ठगो लगभग बल्ले-बल्ले होती हुई नज़र आती गयी। जी हां, इस बार साइबर अपराध ने एक नया रुख बदल दिया हैं। जब सब लोग घरो के अंदर थे तो साइबर ठगो ने अपनी जेब भरी और मज़े किए। साइबर अपराध में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होना बेहद चिंताजनक है। बात करें उत्तराखंड की तो उत्तराखंड में भी साइबर ठगी के कई मामले पिछले लॉकडाउन में सामने आए। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की सालाना रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना काल में पूरे उत्तराखंड में साइबर ठगों ने कई भोले-भालों को लूटा है और साइबर ठगी के जाल में फंसाया है। उत्तराखंड में कोरोना काल मे साइबर अपराध की घटनाएं ढाई गुना तक बढ़ी हैं। आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि साइबर ठगी के मामले में उत्तराखंड पूरे देश में 19वें नंबर है। पिछले लॉकडाउन में लोगों के घर पर रहने का फायदा सबसे अधिक साइबर ठगों ने ही उठाया। ऐसे में साइबर अपराधियों ने घर बैठे लोगों से ठगी की। हर खबर पर शंखनाद न्यूज़ की नज़र ……
लोगों के मोबाइल पर लिंक भेजकर उनके खाते से पैसे निकालने, बैंक अफसर बनकर लोगों को कॉल कर उनसे ठगी करने जैसे कई मामले सामने आए। आंकड़ों की बात करें तो एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना काल के दौरान साइबर ठगी के सबसे अधिक केस आंध्र प्रदेश से सामने आए हैं। उत्तराखंड राज्य में पिछले वर्ष ढाई गुना तक साइबर ठगी के मामले बढ़े। 2018 में 171 मामले सामने आए। वर्ष 2019 में केवल 100 और वर्ष 2020 में कुल 377 लोग साइबर ठगी का शिकार हुए। हालांकि इसमें से 134 मामलों को पुलिस ने सुलझा दिया है और पीड़ितों को उनके पैसे वापस मिल गए हैं। पुलिस ने पिछले साल ठगी के आरोप में 91 पुरुष और 2 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। 78 पुरुष और 2 महिलाओं के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दायर की हुई है। डीआईजी कुमाऊं रेंज ने बताया कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए हर जिले में एक सीओ को प्रभारी बनाया गया है।पीड़ितों की साइबर क्राइम से संबंधित शिकायत पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच की जाएगी।