कुशाल सिंह पुत्र कलम सिंह निवासी कुंडी पट्टी केमर जिला टिहरी गढ़वाल ने 3 सितंबर को लिखित तहरीर दी की 10 अगस्त 21 को उनकी पुत्री जमूतरी देवी उर्फ ज्योति घर से हिमालय अस्पताल में नौकरी करने के लिए निकली, उसकेे बाद हर दिन मेरी अपनी बेटी से निरंतर बात होती रहती थी।पर अचानक 14अगस्त21 को मेरी लड़की का मोबाइल फोन बंद हो गया। वादी की लिखित तहरीर पर गुमशुदगी पंजीकृत की गई, जिसकी विवेचना चौकी प्रभारी जौलीग्रांट द्वारा की जा रही थी।  विवेचना के दौरान 22अगस्त21 को रानीपोखरी थाना द्वारा एक रेडियोग्राम मैसेज के माध्यम से सभी थानों को अवगत कराया कि थानों रानीपोखरी में धारकोट रोड के किनारे अन्दर जंगल में किसी अज्ञात युवती का शव बरामद हुआ है।

जिसका हुलिया मैसेज में नोट करवाया गया था। जिस पर पुलिस द्वारा गुमशुदगी में वादी से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर वादी से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था।  07 सितंबर21 को वादी से संपर्क होने पर वादी को थाना डोईवाला बुलवाया गया तथा डोईवाला पुलिस वादी को लेकर थाना रानीपोखरी गई तथा रानीपोखरी पुलिस द्वारा 22अगस्त21 को थानों के जंगल में अज्ञात लड़की के शव के पास मौके से बरामद चप्पल, पाजेब तथा कपड़े की फोटो दिखाई गई तो वादी द्वारा उक्त कपडों व सामान की पहचान उनकी ज्योति के होने के सम्बन्ध में की गयी।

 

सीडीआर के अवलोकन से पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई की ज्योति अपने मोबाइल नम्बर जो कि उसके पिता कुशाल सिंह के नाम पर था। एक अन्य मोबाइल नंबर पर बहुत ज्यादा बात करती थी। उस मोबाइल नंबर की जानकारी करने पर यह सिम गौतम पवार पुत्र इतवार सिंह निवासी वार्ड नंबर 4, चकचौबेवाला थाना रानीपोखरी के नाम पर होना पाया गया, जिस पर पुलिस टीम द्वारा गौतम को पूछताछ को थाने पर बुलाया गया। गौतम से सख्ताई से पूछताछ करने पर उसके द्वारा मृतका ज्योति की  15 अगस्त 21 को थानाें के पास जंगल में हत्या करना स्वीकार किया गया। जिस पर अभियुक्त गौतम पवांर को मौके से गिरफ्तार किया गया।

 

पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त गौतम द्वारा बताया गया कि मैं पिछले 25 वर्षों से हिमालयन अस्पताल में कार्य करता हूं , जुलाई 21 से मैं ज्योति के संपर्क में था और वह ज्योति को हिमालयन अस्पताल में ही नौकरी लगवाने वाला था पर नौकरी पर नहीं लगवा पाया। इसके बाद से ही ज्योति लगातार मुझ पर नौकरी लगवाने का दबाव बना रही थी। इसी बीच मेरे ज्योति के साथ नाजायज संबंध बन गए तथा मैं एक बार उसे अपनी मोटरसाइकिल से चंबा टिहरी गढ़वाल तक छोडने भी गया था। ज्योति से मेरी लगातार बात होती थी और इसका फायदा उठाकर वह मुझे ब्लैकमेल करने लगी और कहने लगी कि अगर तुम मेरी नौकरी नहीं लगाओगे तो मैं तुम्हारी और अपनी सारी बातें तुम्हारे परिवार और हिमालय अस्पताल के मालिक को बता दूंगी, ज्योति के इस तरह ब्लैकमेल करने से मैं मानसिक तनाव में आ गया और मैने उसकी हत्या करने का प्लान बनाया।15- अगस्त 21 को मैं ज्योति को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर थानों से धारकोट रोड पर ले गया, जहां ढलान के पास झाड़ियों में मैने उसी की चुन्नी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और उसके सलवार सूट को उतार दिया ताकि उसकी पहचान ना हो सके। इसके बाद उसके कपडों को बैग में भरकर मैने साइन चौकी भानियावाला से आगे लगभग 200 मीटर जंगल में फेंक दिया तथा ज्योति के मोबाइल को जो मैने उसे दिया था, उसका सिम निकाल कर जंगल में ही फेंक दिया और मोबाइल को स्विच ऑफ करके मैने अपने घर में रख दिया। अभियुक्त के इकबालिया बयान के आधार तथा उसकी निशानदेही पर साइन चौकी से 200 मीटर आगे नाले के पास से मृतिका ज्योति के कपड़ों से भरे बैग को बरामद किया गया तथा अभियुक्त की ही निशानदेही पर मृतिका का मोबाइल जो अभियुक्त ने ही उसे दिया था तथा मोटरसाइकिल जिससे वह ज्योति  को धारकोट रोड पर ले गया था, बरामद किया गया। अभियुक्त को  उसके जुर्म धारा 302,201 आईपीसी से अवगत कराते हुए गिरफ्तार किया गया।