शंखनादINDIA/लखनऊ/ उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना जो शुरू से ही विवादों के घेरे में रही और समूचे भारतवर्ष से मिल रही शिकायतों और आरटीआई की जानकारी से कई राज्यों में इसके भौतिक सत्यापन की कार्रवाई हुई , जिसके बाद
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभ लेने वाले अपात्रों से धनराशि की रिवकरी की जाएगी ,इस संबंध में शासन ने 9219 अपात्र किसानों की सूची उत्तर प्रदेश कृषि विभाग को भेजी है विभाग ने अपात्र किसानों को नोटिस जारी कर धनराशि जमा कराने के आदेश दिए गए हैं, धनराशि जमा न करने पर आरसी ( RC ) जारी कर धनराशि वसूल की जाएगी
उपरोक्त विषयक संबंधित विभाग भी गंभीर हो गया है और 9 हजार 219 अपात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिली धनराशि उप कृषि निदेशक कार्यालय में नकद जमा करने हेतु पत्राचार किया गया है और धनराशि जमा करने पर उन्हें प्राप्ति रसीद दी जाएगी,बाद में विभाग शासन के खाते में ये धनराशि जमा कर ऑनलाइन पोर्टल पर फीडिंग के साथ ही किसान का डाटा डिलीट कराएगा।

जिन अपात्र 9219 किसान सम्मान निधि की वसूली होनी है उनका विवरण निम्नानुसार है
कुल 1049 मृतकों के वारिस हैं शामिल
कुल 2722 आयकरदाता हैं शामिल
कुल -2212 गलत खाते हैं शामिल
कुल -2058 पेंशनधारक हैं शामिल
कुल -1178 आधार इनवैलिड के मामले हैं शामिल

उत्तर प्रदेश उप निदेशक कृषि डीवी सिंह ने कहा कि शासन द्वारा भेजी गई अपात्र किसानों की सूची के आधार पर रिकवरी के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। कुल 9219 किसानों से सम्मान निधि की धनराशि की वसूली की जानी है, इसी माह के प्रथम सप्ताह में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत रिलीज की 9 वीं किश्त में 9.75 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों के खाते में ₹-19,500 करोड़ रुपये भेजे गए हैं, आपको बताते चलें कि पीएम-किसान योजना के तहत हर पात्र किसान परिवार को प्रतिवर्ष छह हजार रुपये दिए जाते हैं, ये 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक अकाउंट में हस्तांतरित किए जाते हैं, इस योजना के जरिए अब तक 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसान परिवारों को भेजी जा चुकी हैं ,उत्तराखंड राज्य में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अपात्र लाभार्थियों के बहुत से मामले ऐसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से गांव में सामने आते रहे हैं, तो क्या अब उत्तराखंड राज्य सरकार और राज्य की प्रशासनिक इकाइयां इस गंभीर मुद्दे पर कितनी जल्दी निष्पक्ष जांच करवाने के बाद अपात्र लाभार्थियों से वसूली का आदेश जारी कर कार्रवाई शुरू करती है ये देखने का विषय है

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