शंखनाद INDIA/ नई दिल्ली

देश में इन दिनों कोरोना लगातार बेकाबू होता जा रहा है| कोरोना महामारी से लड़ाई को लेकर सरकार कई तरह के प्रयास कर रही है लेकिन कोरोना की दूसरी लहर इतनी खराब है कि सरकार के कोई भी प्रयास इस महामारी के आगे सफल नहीं हो पा रहे हैं| सरकार ने कोरोना से निजात पाने के लिए देश में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान चलाया है जिसमें अभीतक 45 साल से ऊपर के लोगों को यह वैक्सीन लगाई  जा रही थी| लेकिन हाल ही में सरकार ने अपने इस फैसले में बदलाव किया है| सरकार ने अब 45 साल की आयु सीमा को हटाकर इसे 18 साल कर दिया है| यानि अब 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा|

1 मई से अब देश में 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को यह सुविधा मिल पाएगी| यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई हाईलेवल मीटिंग में किया गया। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भारतीय कोरोना का टीका लगवा सकें। देश में 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण शुरू हुआ था। सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर को टीका लगाने की शुरुआत हुई। उसके बाद 60 साल से ऊपर के सभी लोगों और 45 साल से ऊपर के उन लोगों को वैक्सीन देने की शुरुआत हुई, जो पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी के शिकार हैं। 1 मार्च को सरकार ने 45 साल की उम्र से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका लगाने की इजाजत दे दी।

बैठक में तय किया गया कि वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कंपनियों को इंसेंटिव दिया जाएगा। इसके साथ ही नए नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियों को भी वैक्सीन के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 18 साल से ज्यादा के उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने को लेकर सरकार की तरफ से कहा गया है कि इसे लेकर जल्द ही प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी जाएगी। केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण के तहत वैक्सन निर्माता 50 फीसदी वैक्सीन की डोज केंद्र सरकार को देंगे और 50 फीसदी राज्य सरकारों या फिर खुले बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। केंद्र वैक्सीन निर्माताओं से मिलने वाली वैक्सीन की आपूर्ति राज्यों को करेगा।