शंखनाद INDIA/ देहरादून
आज नवरात्री का पहला दिन है| इस मौके पर आज से उत्तराखंड में एक और मेले की शुरूवात होने जा रही है| काशीपुर में ऐतिहासिक चैती मेला आज से शुरू हो रहा है। इस मेले का आयोजन 30 अप्रैल तक किया जाएगा| शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत पंडा परिवार के साथ देवी ध्वज फहराकर मेले का शुभारंभ करेंगे। मेले को लेकर सभी तैयारियों को पूरा किया जा चुका है| मेले मे आने वाले लोगो के लिए कोरोना के देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं|19 अप्रैल की रात पंडा मनोज अग्निहोत्री मां का डोला लेकर मां बाल सुंदरी मंदिर पहुंचेंगे। 25 अप्रैल को डोला वापस शहर स्थित मंदिर में पहुंचेगा। कोविड नियमों के अनुसार ही मेले का आयोजन किया जाएगा।
मेले में आने वाले लोगों को कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा|बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को मेले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा| इसके अलावा लोगों को सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखना होगा| मेले में मेला प्रशासन द्वारा भी कोरोना से बचाव के लिए पूरे इंतजाम किये गए हैं| मेले में झूलों में लोगों को बैठाने से पहले सीटों को सैनिटाइज किया जाएगा। खाने-पीने की दुकानों को भी साफ रखने के निर्देश दिए हैं। दुकानों पर अनावश्यक भीड़ भी प्रतिबंधित होगी। मेला स्थल को भी दो बार सैनिटाइज कराया जाएगा।
हालांकि इस बार मेले में लगने वाले बाजारों औऱ दुकानों में पहले की तरह रौनक नहीं है| कोरोना के कारण कई दुकानदारों ने मेले में दुकानों की बुकिंग नहीं कराई है और न ही कुछ खासा व्यापारी मेले पहुंचे हैं| चैती मेला उत्तर भारत के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मेलों में से एक है। मेले में 162 साल पुराना नखाशा बाजार फिर गुलजार होगा। नखाशा बाजार में उत्तराखंड व यूपी समेत देश के कई हिस्सों से पंजाबी, राजस्थानी और कठियाबाड़ी, अवलक, पवकलिया, कुमैत, नीला सफजा, नीला मुश्की समेत अन्य नस्लों के कीमती घोड़े बिकने के लिए पहुंचते हैं।
पूरे मेले पर नजर रखने के लिए मेला प्रसासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं| सुरक्षा के लिहाज से पूरे क्षेत्र पर नजर रखने के लिए विशेष मॉनीटरिग रूम भी तैयार किया जाएगा। मेले में सुरक्षा के साथ-साथ कोविड नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए च्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिघल ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। दुकानों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का विशेष पालन करने की हिदायत भी दी गई है।
पिछले साल कोरोना संक्रमण के कारण चैती मेले का आयोजन नहीं हो पाया था। इससे व्यापारी मायूस होकर लौट गये थे। लेकिन इस बार मेले के आयोजन से सभी व्यापारियों में खुशी का माहौल है| हालांकि, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के लिए मेले में कई कड़े नियम बनाए है जिसका मेले में आने वाले हर एक व्यक्ति को पालन करना होगा|