शंखनाद INDIA/ देहरादून
पिछले 1 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन आज भी देश कोरोना महामारी की लड़ाई से लड़ रहा है| देशभर में कोरोना के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे है| पिछले साल आज ही के दिन (22 मार्च 2020) को देश में लॉक़डाउन लगाया गया था| पीएम मोदी ने देश को महामारी से बचाने के लिए ये सख्त कदम उठाया और पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया| देश में हर जगह सन्नाटा पसरा था| शहर हो या गांव हर जगह लोग घरों में कैद हो रखे थे|सड़कों पर पंछियों के अलावा किसी की आवाज नहीं आ रही थी| सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक लोगों को घरों में कैद रहने की हिदायत दी गई थी| स्कूल, कॉलेज, दफ्तर, सार्वजनिक वाहन सब चीजों पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा गई थी| सिर्फ जरूरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को बाहर निकलने की छूट दी गई थी|
जानिए कब लगा पहला लॉकडाउन-
19 मार्च 2020 को रात 8 बजे पीएम मोदी ने पूरे देश को संबोधित किया और 22 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा कर दी| पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देशभर की जनता से जनता लॉकडाउन का पालन करने की अपील की| पीएम मोदी के संबोधन में सबसे खास बात यह रही कि पीएम मोदी ने सभी लोगों से 22 मार्च 2020 को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अपने घरों की बालकनी पर खड़े होकर ताली और थाली बजाने की अपील की| पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ रहे स्वास्थयकर्मी, कोरोना वॉरियर्स को सलाम करने और ताली-थाली बजाकर उन्हें सेल्यूट करने की अपील की|
हालांकि उस वक्त किसी को अंदाजा नहीं था कि देश में ऐसी स्थिति बनेगी की लोगों को घरों में कैद रहना पड़ेगा| जब पहली बार पीएम मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की तो लोगों को ये सिर्फ एक दिन की कहानी लगी| लोगों को लगा कि सिर्फ एक दिन बंद रहेगा उसके बाद सब पहले की तरह सामान्य हो जाएगा| लेकिन जैसे है पीएम मोदी ने एक बार फिर लॉकडाउन की घोषणा की तो लोगों की परेशानियां बढ़ गई|
एक बार फिर हुई लॉकडाउन की घोषणा:-
जब हालात नहीं सुधरे तो पीएम मोदी ने एक बार फिर 24 मार्च को पूरे देश को संबोधित किया और देश में पूरे 21दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया| यानि अब 21 दिनों तक कोई भी अपने घरों से बाहर नहीं जा सकता था| सिर्फ जरूरी सामान की दुकानों को खुलने की इजाजत दी गई थी| हालांकि लॉकडाउन में कई लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट भी पैदा हो गया था| लॉकडाउन ता सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर देखने को मिला| गरीबों लोगों के सामने रहने खाने का संकट पैदा हो गया| हालांकि इस बुरे दौर में कई ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने गरीब लोगों के रहने खाने की व्यवस्था की|
क्या था पीएम मोदी का मकसद:-
पीएम मोदी का मकसद देश को इस महामारी से बचाने का था| पीएम मोदी को उम्मीद थी कि उनके इस प्रयास से कई लोगों की जिंदगियों को बचाया जा सकता है| देश में लॉकडाउन के साथ कई तरह की पाबंदिया लगा दी गई| लोगों के लिए मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी चीजें जरूरी कर दी गई| लेकिन कुछ समय की पाबंदी के बाद लोगों ने एक बार ढिलाई दिखाई और कोरोना के किसी भी नियमों का पालन नहीं किया| जिस कारण देश में आज एक बार फिर वहीं स्थिति पैदा हो गई है जब लोगों को घरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है| और इसका सिर्फ एक कारण है वो है लोगों की लापरवाही| लोगों ने मास्क, सेनिटाइजर जौसी चीजों को इस्तेमाल करना बंद कर दिया|
आज भी नहीं सुधरे हालात:-
आज लॉकडाउन को पूरा एक साल हो चुका है लेकिन देश को अभी भी इस महामारी से निजात नहीं मिल पाई है| देश में लगातार कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है| हालांकि कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया लगातार चल रही है लेकिन बावजूद इसके कोरोना अपने पैर पसारता जा रहा है| देश के कई हिस्सों में एक बार फिर से लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है|