शंखनादINDIA
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के जाखनी गांव मे चिपको आंदोलन के समान आंदोलन शुरू हो गया है। ग्रामीण कट रहे पेडा़े को बचाने के लिए पेड़ो मे लिपटकर, विरोध कर रहे है। प्रदेश में एक बार फिर 1973 के चिपकों आंदोलन के समान ही महिलाएं पेडों मे लिपटते हुए दिखाई दी है। महिलाओं के लिपटने से एक बार फिर से चिपको आंदोलन की याद आ गई हैं। उस समय गौरा देवी के नेतृत्व मे चलाया गया था।
जिले के कमेड़ीदेवी-रंगधरा-मजगांव-चौनाला मोटर मार्ग के लिए कट रहे पेड़ों को बचाने के लिए लोग पेड़ों में लिपट जा रहे हैं। वहीं ग्राम प्रधान का कहना है, कि गांव मे 600 की आबादी है 8 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले जंगल में बांज, बुराश और उतीस के 10 हजार से अधिक पेड़ है इसमें 90 फीसदी तो बांज के पेड़ हैं, जिन्हें ग्रामीणों ने अपने बच्चों की तरफ पाला है, जो सर्वे सड़क के लिए हुई हैं। पूरी तरह से जंगल मार्ग से हुई है,जिससे वन का अधिकाश हिस्सा समाप्त हो जाएगा।