देहरादून। त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या के मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मृतक के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बातचीत कर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि इस जघन्य घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
फोन पर बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किसी भी माता-पिता के लिए इससे अधिक दर्दनाक कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आरोपियों को कानून के अनुसार सख्त सजा मिले। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा से भी बातचीत की है। साथ ही गृह मंत्री और रक्षा मंत्री भी इस प्रकरण से अवगत हैं और पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने एंजेल के पिता से कहा कि उत्तराखंड में इस तरह की घटनाएं आम नहीं हैं और यहां ऐसा माहौल नहीं है। सरकार इस कठिन समय में पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में एक आरोपी नेपाल का निवासी है, जो फिलहाल फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित किया गया है और उसे पकड़ने के लिए विशेष टीम भी भेजी गई है।
इससे पहले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के जवान तरुण प्रसाद चकमा ने मीडिया से बातचीत में आरोपियों को मृत्युदंड देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि उनके बेटे के हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि राजधानी देहरादून में 9 दिसंबर की शाम त्रिपुरा के निवासी एंजेल चकमा अपने छोटे भाई माइकल के साथ शॉपिंग के लिए निकले थे। इसी दौरान कुछ युवकों ने कथित तौर पर नस्लीय टिप्पणी की। विरोध करने पर आरोपियों ने दोनों भाइयों पर कड़े और चाकू से हमला कर दिया। माइकल के सिर पर कड़े से वार किया गया, जबकि एंजेल को पेट और सिर पर गंभीर चोटें आईं। गंभीर रूप से घायल एंजेल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 17 दिन बाद उसकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री धामी ने रविवार को भी स्पष्ट किया था कि राज्य में इस तरह की घटनाएं बिल्कुल स्वीकार्य नहीं हैं और अराजक तत्वों के खिलाफ सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी।
