देहरादून। नए साल से प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में दो बड़े प्रशासनिक बदलाव लागू होने जा रहे हैं। इन बदलावों को लेकर दोनों विभागों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। एक जनवरी 2026 से लागू होने वाली इन व्यवस्थाओं का व्यापक असर कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर दिखाई देगा।

स्वास्थ्य विभाग में प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में आधार आधारित बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू की जा रही है। इसके तहत चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ समेत अस्पतालों में कार्यरत समस्त कर्मचारियों की उपस्थिति अब बायोमीट्रिक मशीन के माध्यम से दर्ज होगी।

इससे कर्मचारियों की समयबद्ध उपस्थिति सुनिश्चित की जा सकेगी। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा से इस नई व्यवस्था को लेकर विभागीय तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी बायोमीट्रिक मशीनों से जुड़ी कोई तकनीकी समस्या हो, उसे एक जनवरी से पहले हर हाल में दूर किया जाए।

इसके लिए संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से समन्वय कर समाधान सुनिश्चित करने को कहा गया है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने 108 एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को और बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए।

वहीं, यूपीसीएल में भी एक जनवरी से ऑनलाइन लीव मॉड्यूल लागू किया जाएगा। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि पहले चरण में समूह-क, समूह-ख और समूह-ग के अंतर्गत अवर अभियंता, लेखाकार, सहायक लेखाकार, तकनीकी सहायक समेत संबंधित पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था लागू होगी।

इन कर्मचारियों को अब सीएल, आरएल, एमएल, सीसीएल और निर्बंधित अवकाश के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन करना होगा, ऑफलाइन आवेदन मान्य नहीं होंगे। इसके अलावा चल-अचल संपत्ति खरीदने के लिए भी एनओसी इसी ऑनलाइन मॉड्यूल के माध्यम से जारी की जाएगी। सभी कर्मचारियों को इसके लिए यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।