कालाढूंगी। नैनीताल जिले के कालाढूंगी थाना क्षेत्र में साढ़े पांच साल पहले वनकर्मियों पर हुई फायरिंग के मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी सविता चमोली की अदालत ने चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही चारों पर अर्थदंड भी लगाया गया है। इस घटना में बीट वॉचर बहादुर सिंह की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य वनकर्मी घायल हुआ था।
एडीजीसी गिरिजा शंकर पांडे ने बताया कि यह घटना 22 जून 2019 की आधी रात की है। कालाढूंगी थाना क्षेत्र की बरहैनी वन रेंज को सूचना मिली थी कि बौर नदी के पास महोला जंगल में अवैध रूप से पेड़ काटकर लकड़ी की तस्करी की जा रही है। सूचना पर वन रक्षक दीपक नेगी के नेतृत्व में बीट वॉचर बहादुर सिंह चौहान, महेंद्र सिंह, ब्रिजेंद्र सिंह, मोहम्मद जान और बच्चू मौके के लिए रवाना हुए।
जंगल में प्लॉट संख्या एन-वन पर पहुंचते ही वनकर्मियों ने आरोपियों की घेराबंदी कर ली। इसी दौरान कुछ लोग बाइकों से मौके पर पहुंचे और वनकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगने से बीट वॉचर बहादुर सिंह के पेट में गंभीर चोट आई, जबकि महेंद्र सिंह के पैर में गोली लगी। जवाबी कार्रवाई के बाद आरोपी फरार हो गए।
घायलों को तत्काल एसटीएच हल्द्वानी ले जाया गया, जहां पोपपुरी, बाजपुर निवासी बहादुर सिंह ने दम तोड़ दिया। मामले में वन रक्षक दीपक नेगी की तहरीर पर कालाढूंगी पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना के दौरान लखविंदर सिंह, करन सिंह, परमजीत सिंह और सूरज सिंह के नाम सामने आए। अभियोजन की ओर से 20 गवाह पेश किए गए। साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
