देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर तीखी बयानबाज़ी देखने को मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत पर “मुस्लिम तुष्टीकरण” का आरोप लगाते हुए अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर एक एआई-जनरेटेड रील अपलोड की है। इस रील को लेकर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है और इसे अपमानजनक व भ्रामक बताया है।
29 सेकंड की इस रील की शुरुआत में हरीश रावत को कथित तौर पर यह कहते हुए दिखाया गया है— “मुस्लिम शरणम गच्छामि, मजार शरणम गच्छामि, लव जिहाद शरणम गच्छामि।” इसके बाद मजारों के निर्माण, उत्तराखंड की ‘देवभूमि’ को ‘मजारों की भूमि’ में बदलने जैसे दृश्य दिखाए गए हैं। रील के अंत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुलिस बल और बुलडोजर के साथ चलते हुए नजर आते हैं। रील में कांग्रेस पर सत्ता की लालच में वोट बैंक की राजनीति करने और राज्य की डेमोग्राफी बदलने का आरोप लगाया गया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश रावत ने रील को तुरंत हटाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि रील नहीं हटाई गई तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और भाजपा कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। रावत ने कहा, “प्राण तो चले जाएंगे, मगर भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करूंगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा झूठे प्रचार के जरिए जनता का ध्यान मूल समस्याओं से भटकाना चाहती है।
हरीश रावत ने भाजपा पर पलायन, बेरोजगारी, मानव-वन्यजीव संघर्ष, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और असंतुलित विकास जैसे मुद्दों पर विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के बंध्याकरण का निर्णय पर्याप्त नहीं है और अतिरिक्त वन्यजीवों को अन्य राज्यों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। रावत ने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा।
