देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में संविदा आधार पर स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया उम्मीद के मुताबिक रंग नहीं ला सकी। कुल 104 पदों के लिए इंटरव्यू निर्धारित थे, लेकिन केवल तीन डॉक्टर ही चयन प्रक्रिया में पहुंचे। परिणामस्वरूप 101 पद खाली रह जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार निजी अस्पतालों की तुलना में दो से तीन गुना कम वेतन होने के कारण डॉक्टर सरकारी सेवा में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
बुधवार को कुलपति प्रो. अरुण त्रिपाठी, निदेशक डॉ. अजय आर्य और प्राचार्य डॉ. गीता जैन की कमेटी ने इंटरव्यू लिए। स्पेशलिस्ट के 96 और सुपर स्पेशलिटी के आठ पदों पर चयन होना था, लेकिन इमरजेंसी, रेडियोलॉजी और एनाटॉमी विभाग के तीन उम्मीदवार ही उपस्थित हुए।
मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी और बढ़ते पलायन को देखते हुए शासन ने सभी मेडिकल कॉलेजों से सुधार और सुझाव मांगे हैं। अपर निदेशक डॉ. आर.एस. बिष्ट ने बताया कि सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के वेतन बढ़ाने की दिशा में सरकार ने कदम उठाए हैं।
