देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश से लगे संवेदनशील क्षेत्रों में वोटर कार्ड एवं अन्य पहचान प्रमाणपत्रों के गहन सत्यापन का निर्णय लिया है। हाल ही में नैनीताल जिले के वनभूलपुरा क्षेत्र में फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनाए जाने के खुलासे के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। पुलिस जांच में पता चला है कि मुख्य आरोपी फैजान मिरकानी ने खुद को अरायजनवीस बताकर डेढ़ दशक से बाहरी राज्यों के कई लोगों को हल्द्वानी में बसाया और उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कराए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऊधमसिंह नगर, चंपावत, नैनीताल के कुछ हिस्सों, हरिद्वार और देहरादून के साथ-साथ पौड़ी के कोटद्वार क्षेत्र में भी इस तरह की शिकायतें सामने आई हैं। ये सभी क्षेत्र यूपी से सटे हुए हैं और संवेदनशील माने जाते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन इलाकों में व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जाएगा और फर्जी मतदाता पहचान पत्र या अन्य प्रमाणपत्र रखने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ऐसे दस्तावेज तैयार करने में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी सख्त एक्शन होगा।
हल्द्वानी एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों के लोगों का भी कनेक्शन सामने आ रहा है। जांच में संकेत मिले हैं कि कई बाहरी राज्यों में सक्रिय गिरोह फर्जी दस्तावेज बनवाने में मदद कर रहे हैं। एसएसपी के अनुसार, घपले में सिस्टम के भीतर और बाहर दोनों तरफ के लोग शामिल हैं। फैजान के साथ जेल भेजे गए रईस और यूपीसीएल के डेटा एंट्री ऑपरेटर दिनेश के करीबियों से पूछताछ की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि फर्जी दस्तावेज गिरोह का जल्द ही पूरी तरह भंडाफोड़ किया जाएगा।
