देहरादून। वकीलों के चैंबर निर्माण और भूमि आवंटन की मांगों को लेकर देहरादून बार एसोसिएशन और राज्य सरकार के बीच वार्ता अब तक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है। इसी के चलते वकीलों की हड़ताल और प्रदर्शन लगातार जारी है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एसोसिएशन की संघर्ष समिति ने मंगलवार को सरकार के समक्ष अपनी मांगें औपचारिक रूप से रख दी हैं और स्पष्ट किया है कि यदि 48 घंटे के भीतर लिखित आश्वासन नहीं दिया गया तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
हड़ताल के चलते जिला अदालत के साथ-साथ रजिस्ट्रार कार्यालय का कामकाज ठप है। बस्ता, टाइपिंग और स्टांप वेंडर जैसी सभी सेवाएं बंद पड़ी हैं। हरिद्वार रोड पर चक्का जाम से मार्ग परिवर्तन किए जाने के कारण वाहन चालकों को भी पिछले एक सप्ताह से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट ने सभी अधिवक्ताओं को आंदोलन में अनिवार्य उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं।
संघर्ष समिति ने रखे प्रमुख प्रस्ताव
संघर्ष समिति ने भवन निर्माण और भूमि आवंटन से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रशासन के सामने रखे हैं। इनमें सरकार द्वारा किसी भी आश्वासन या निर्णय को लिखित और समयबद्ध रूप में जारी करने की मांग शामिल है। समिति ने नई जिला अदालत के साथ पुरानी अदालत परिसर कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर कोर्ट रोड तक फैली संपत्ति को अधिवक्ताओं के चैंबर, पार्किंग, कैंटीन, पुस्तकालय, ऑडिटोरियम और अन्य आवश्यक सुविधाओं हेतु आवंटित करने की मांग की है।
नई व पुरानी अदालत को जोड़ने के लिए अंडरपास निर्माण का प्रस्ताव भी रखा गया है, ताकि सड़क पार करने में होने वाली दिक्कतों और संभावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके। समिति ने सभी निर्माण कार्य सरकार की ओर से अपनी एजेंसी के माध्यम से करवाने तथा बार एसोसिएशन की निगरानी में पूरे परिसर में यथास्थिति बनाए रखने की मांग की है। साथ ही पुरानी अदालत भूमि का नामांतरण तुरंत प्रभाव से एसोसिएशन के नाम करने और पूर्व आवंटनों को निरस्त करने की भी मांग उठाई गई है।
