देहरादून। देहरादून में अवैध निर्माण और अनियमित विकास पर रोक लगाने के लिए मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने सोमवार को शिमला बाईपास क्षेत्र में व्यापक प्रवर्तन अभियान चलाया। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई के तहत अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया, जबकि अवैध रूप से निर्मित एक व्यावसायिक भवन को सील कर दिया गया।
प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने संयुक्त सचिव गौरव चटवाल के आदेशानुसार शिमला बाईपास रोड के विभिन्न हिस्सों में अवैध निर्माणों की जांच की। इस दौरान कमल राठौड़ एवं अन्य द्वारा मेहुवाला माफी स्थित श्रीराम इंक्लेव (ईंट भट्टा के निकट) में लगभग 10 बिघा भूमि पर की गई अवैध प्लॉटिंग को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। अभियान के दौरान सहायक अभियंता विजय सिंह रावत, अवर अभियंता जितेन्द्र कुमार और सुपरवाइजर की टीम मौजूद रही।
इसी क्रम में रावत मोहल्ला, बालावाला (निकट इंटर कॉलेज) में सर्वेश्वर दत्त द्वारा किए गए अवैध व्यावसायिक निर्माण को सील कर दिया गया। इस कार्रवाई में सहायक अभियंता प्रमोद मेहरा, अवर अभियंता मनीष मेहरा और सुपरवाइजर शामिल रहे।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में किसी भी तरह के अवैध निर्माण, अवैध प्लॉटिंग या नियमों के विपरीत विकास कार्य को किसी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण को प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है तथा नियमित निरीक्षण और फील्ड विज़िट के माध्यम से प्रवर्तन को और मजबूत किया गया है। तिवारी ने कहा कि देहरादून का विकास पूरी तरह नियोजित, सुरक्षित और कानून के अनुरूप होना चाहिए, और भविष्य में भी ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने बताया कि प्राधिकरण की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं और अवैध प्लॉटिंग या निर्माण पाए जाने पर तत्काल ध्वस्तीकरण या सीलिंग की प्रक्रिया लागू की जाती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि किसी भी प्रकार का निर्माण शुरू करने से पहले एमडीडीए की स्वीकृति अवश्य प्राप्त करें, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने दोहराया कि सुव्यवस्थित और नियोजित देहरादून के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
