देहरादून। उत्तराखंड इंसानियत मंच और उत्तराखंड महिला मंच ने ऋषिकेश में शराब ठेके के खिलाफ चलाये जा रहे आंदोलन का समर्थन दिया है। दोनों संगठनों की ओर से एक संयुक्त दल ने खारा पानी स्रोत स्थित शराब ठेके के बाहर पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में नियम कानूनों को ताक पर रखकर जगह-जगह शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। युवाओं को नशेड़ी बनाकर राज्य सरकार पैसे कमा रही है और उस पैसे को मुख्यमंत्री का चेहरा चमकाने पर खर्च किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कमला पंत ने कहा कि उत्तराखंड में एक बार फिर से नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन की जरूरत है। 80 के दशक के चलाये गये इस आंदोलन के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में शराब की दुकाने बंद करवा दी गई थी।
विमला कोली ने इस मौके पर कहा कि शराब ठेकों की इस तरह की समस्या केवल ऋषिकेश में नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य की समस्या है। शराब के ठेके अपराधों का सबसे बड़ा कारण बन गये हैं। मारपीट और हत्या जैसी जघन्य वारदातों के साथ ही शराब के कारण महिलाओं की सुरक्षा भी खतरे में है। उन्होंने इस आंदोलन को पूरे राज्य में चलाये जाने की जरूरत बताई।
उत्तराखंड इंसानियत मंच की ओर से त्रिलोचन भट्ट और तुषार रावत ने ऋषिकेश में धरना स्थल पर जाकर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को आगे बढ़ाने में जहां भी इंसानियत उत्तराखंड मंच की जरूरत होगी, मंच वहां हाजिर होगा।
