नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के छोई क्षेत्र में हुई भीड़ हिंसा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने भाजपा नेता मदन जोशी के खिलाफ दंगा भड़काने और धार्मिक तनाव फैलाने के आरोपों पर नैनीताल पुलिस से सात दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
यह मामला 23 अक्टूबर को हुए उस घटनाक्रम से जुड़ा है, जब छोई क्षेत्र में एक वाहन चालक नासिर की भीड़ ने पिटाई कर दी थी। इस घटना के बाद नासिर की पत्नी नूरजहां ने अपनी और परिवार की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
नूरजहां की ओर से अधिवक्ता मृणाल कंवर ने अदालत को बताया कि भाजपा नेता मदन जोशी ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और लाइव वीडियो साझा किए, जिनसे क्षेत्र में धार्मिक तनाव फैलने की आशंका बनी रही। उन्होंने यह भी कहा कि नेता ने अपने कृत्य को सार्वजनिक रूप से सही ठहराया।
हाईकोर्ट ने इस पर पुलिस को निर्देश दिए कि मदन जोशी और उनके समर्थक किसी भी प्रकार की भड़काऊ पोस्ट न करें और पहले से की गई सभी विवादित पोस्टों को फेसबुक से तत्काल हटवाया जाए।
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि छोई में वाहन से लाया जा रहा मांस भैंस का मांस था, जिसके लिए वैध लाइसेंस और फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट मौजूद था।
अदालत ने नैनीताल पुलिस को चेतावनी दी कि जांच के दौरान वह सुप्रीम कोर्ट के ‘तहसीन पूनावाला बनाम भारत सरकार’ मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करे और किसी भी राजनीतिक दबाव से मुक्त रहकर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करे।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सात दिन के भीतर पुलिस को पूरी जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी।
