शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के प्रथम चरण में 100 स्कूलों को सीबीएसई पाठ्यक्रम पर संचालित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को सभी तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए और कहा कि सीबीएसई पैटर्न वाले स्कूलों का अलग पहचान होगा और विद्यार्थियों की वर्दी भी विशेष रंग की होगी।
स्मार्ट कक्षाएं और पोषणयुक्त भोजन
इन स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की व्यवस्था के साथ-साथ मैस की सुविधा भी होगी और विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में अब तक 86 स्कूलों की पहचान की जा चुकी है जो सीबीएसई के मानकों पर खरे उतरते हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शेष स्कूलों में भी आवश्यक मानक जल्द पूरे किए जाएं।
अध्यापकों की भर्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में खाली पड़े अध्यापकों के पदों को भरने का कार्य जारी है। उनके अनुसार, हिमाचल प्रदेश अब गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच चुका है। राज्य सरकार विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल और स्टेट ऑफ आर्ट कॉलेज
सुक्खू ने राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने की प्रगति की समीक्षा भी की और अधिकारियों को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में खेलकूद और अन्य गतिविधियों के लिए पर्याप्त स्थान सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रत्येक जिले में स्टेट ऑफ आर्ट कॉलेज बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जहां विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जाएगा। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।