शंखनाद INDIA/
बसंत पंचमी के पावन पर्व के दिन मंगलवार को टिहरी जिले मे स्थित नरेंद्रनगर राजमहल में विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना और हवन किया गया। इसके बाद टिहरी के महाराजा मनुजेंद्र शाह और बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की उपस्थिति में राजपुरोहित कृष्णा प्रसाद उनियाल व संपूणानंद जोशी ने पंचांग गणना कर तिथि और शुभ मुहर्त निर्धारित किया। परंपरा के अनुसार टिहरी राजघराने के मुखिया महाराजा मनुजेंद्र शाह ने तिथि और मुहूर्त की घोषणा की । कपाट खोलने की प्रक्रिया के तहत 29 अप्रैल से गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा।

बसंत पंचमी के पावन दिन पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने  की तिथि घोषित कर दी गई। धाम के कपाट 18 मई को ब्रहम बेला में 4.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएगें। वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट परंपरा के अनुसार 14 मई को अक्षय तृतीया के दिन खोले जांएगें,
इससे पहले डिमरी पंचायत के प्रतिनिधि भगवान बदरीनाथ का तेल कलश लेकर राजमहल पहुंचे। यहां पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ उनका स्वागत किया गया। कपाट खुलने पर भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए राजमहल मे ही सुहागिनें तिलों का तेल पिरोती है। इस बार यह कार्यक्रत 29 अप्रैल को संपन्न होगा। इसी दिन तेल को कलश में भर यात्रा बदरीनाथ के लिए रवाना होगी।

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