धारी देवी मंदिर परिसर को नेशनल हाईवे से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर प्रशासन ने बीती रात अचानक कार्रवाई करते हुए कई दुकानों को जेसीबी से तोड़ दिया। प्रशासन की ये कार्रवाई अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत की गई बताई जा रही है। रात में की गई कार्रवाई के कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है।
धारी देवी मंदिर परिसर में अतिक्रमण पर रातों-रात कार्रवाई
पौड़ी गढ़वाल जिले के धारी देवी मंदिर परिसर में प्रशासन ने रात में अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की है। रात को अपनी दुकानों पर बुलडोजर चलने की खबर स्थानीय दुकानदारों तक पहुँची, लोग दौड़े-दौड़े मौके पर पहुँचे और अपनी दुकानों को बचाने की कोशिश की। मगर प्रशासन ने किसी की एक न सुनी और तत्काल दुकानें हटवा दीं।
लोगों ने किया कार्रवाई का भारी विरोध
धारी देवी मंदिर परिसर के आस-पास हुई कार्रवाई का स्थानीय लोगों ने भारी विरोश किया लेकिन इसके बाद भी उनकी दुकानें तोड़ दी गईं। इस कार्रवाई को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कई वर्षों से इन छोटी दुकानों से अपने परिवार का गुज़ारा कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने न तो पहले कोई नोटिस दिया और न ही वैकल्पिक व्यवस्था। यही कारण है कि रातों-रात हुई इस कार्रवाई को लेकर लोगों में गहरा आक्रोश है।
बिना नोटिस दिए कार्रवाई से लोगों में आक्रोश
लोगों का कहना है कि बिना नोटिस दिए ये कार्रवाई की गई है और रात में कार्रवाई की गई है। इस से लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। रात्रि के समय बुलडोज़र चलाना सवालों के घेरे में है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में प्रशासन का यही रवैया जारी रहा, तो ग्रामवासी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
वहीं इस पूरे मामले पर तहसीलदार श्रीनगर दीपक भंडारी ने का कहना है कि “लगातार स्थानीय लोगों द्वारा मार्ग पर दुकानों की संख्या बढ़ाई जा रही थी और अतिक्रमण हो रहा था। प्रशासन द्वारा पूर्व में कई बार दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने की सूचना दी जा चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद वे बाज नहीं आ रहे थे। इसलिए अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई की गई है”।