शंखनाद INDIA/ रोशन थपलियाल/ नई टिहरी
कवि जयकृष्ण उनियाल के सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह “भावना के भंवर में मेरे पैंसठ बसंत” का लोकार्पण कुमाल्डा के पंचायत भवन में मुख्य अतिथि विधायक धनोल्टी श्री प्रीतम सिंह पंवार व विशिष्ठ अतिथि पूर्व ब्लॉक प्रमुख, वरिष्ठ साहित्यकार श्री सोमवारी लाल उनियाल ‘प्रदीप’ के कर-कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री प्रीतम सिंह, विधायक धनोल्टी ने कहा कि साहित्य समाज को जागृत करने का काम करता है, उन्होंने कहा कि जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि वाली उक्ति श्री जयकृष्ण उनियाल की कविताओं पर फिट है क्योंकि इनके द्वारा ऐसे विषयों पर कविताएं लिखी गई हैं जो जनहित में आवश्यक हैं। उन्होंने श्री उनियाल को बधाई देते हुए उन्हें काव्य सृजन को जारी रखने हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड के वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार श्री सोमवारी लाल उनियाल ने कहा कि जयकृष्ण उनियाल के सद्य प्रकाशित काव्य संग्रह की रचनाएं उनके संघर्ष और सामाजिक व्यवस्था को बयां करती है। उनकी रचनाओं में मौलिकता के साथ ही सरल भाषा में होना, पाठकों के लिये लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि इन रचनाओं में घर परिवार से लेकर समाज, राजनीति व व्यवस्था सम्बन्धी विषयों पर कवि द्वारा रचित कविताएं सार्थक सिद्ध होंगी।
पुस्तक के लेखक श्री जयकृष्ण उनियाल द्वारा बताया गया कि कविता लेखन की प्रेरणा उन्हें वरिष्ठ साहित्यकार श्री सोमवारी लाल उनियाल से प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि यह उनकी प्रथम प्रकाशित कृति है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूफ समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया।