रुद्रप्रयाग के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए राहत और बचाव दलों द्वारा तड़के छह बजे से ही युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि दोपहर साढ़े तीन बजे तक केदारनाथ धाम की तरफ से 1600 यात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
रूद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से भारी नुकसान
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बीती रात लगभग एक बजे से चार बजे के मध्य तहसील रुद्रप्रयाग अंतर्गत ग्राम चमेली, रूमसी, चमरारा तोक एवं विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में भारी मात्रा में मलबा व पानी आने के कारण कुछ भवनों, गौशालाओं, शौचालयों और संपर्क मार्गों में कटाव हुआ। लगभग 8-10 भवनों में मलबा घुस गया है। उन्होंने बताया कि इसकी सूचना राज्य तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में जैसे ही प्राप्त हुई, राहत और बचाव दलों को तुरंत सूचित करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना किया गया।
सुबह छह बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी जारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रातः छह बजे से ही आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गईं। प्रभावित क्षेत्रों में जेसीबी व अन्य संसाधनों की सहायता से मलबा हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। ग्रामीणों, पशुधन और अन्य प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत शिविर स्थापित कर सुरक्षित आवास, भोजन, चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित कराई जा रही हैं।
अब तक 1600 यात्रिीयों को किया गया रेस्क्यू
गौरीकुंड में घोड़ापड़ाव से लगभग 50 मीटर की दूरी पर सुबह चार बजे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में भारी पत्थर व मलबा आने की सूचना प्राप्त हुई। तत्काल जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित विभागों की टीमों द्वारा वहां राहत कार्य प्रारंभ किया गया। यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित निकाला गया। अब तक केदारनाथ की ओर से लगभग 1600 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
लगभग 700 अन्य यात्रियों को निकालने की कार्य जारी है। बंद मार्गों को खोलने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। मौसम अनुकूल रहा तो शाम तक सभी मार्गों को खोल दिया जाएगा। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से पूरी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।